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    Bihar Assembly Election: पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने फोड़ा लेटर बम, पार्टी पर लगाए बड़े आरोप

    By Akshay PandeyEdited By:
    Updated: Thu, 15 Oct 2020 09:55 PM (IST)

    पूर्व विधायक और 2015 के चुनाव में सुपौल से भाजपा प्रत्याशी रहे किशोर कुमार मुन्ना ने बगावत का बिगुल फूंक दिया। पूर्व विधायक ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय पहुंच कर प्रदेश अध्यक्ष के नाम का पत्र सह संगठन महामंत्री शिवनाराण महतो को सौंपा।

    भाजपा प्रदेश मुख्यालय पहुंच पत्र सौंपते पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना।

    पटना, जेएनएन। भाजपा में टिकट कटने के बाद बगावत उफान पर है। गुरुवार को पूर्व विधायक और 2015 के चुनाव में सुपौल से भाजपा प्रत्याशी रहे किशोर कुमार मुन्ना ने बगावत का बिगुल फूंक दिया। पूर्व विधायक ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय पहुंच कर प्रदेश अध्यक्ष के नाम का पत्र सह संगठन महामंत्री शिवनाराण महतो को सौंपा। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई बड़े नेताओं को पत्र लिखकर टिकट नहीं दिए पर सवाल खड़ा किया है। 

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    मुन्ना ने लिखा है कि मेरे अलावा संजीव झा, लाजवंती झा, आलोक रंजन, राजीव रंजन साह, नीरज गुप्ता और कार्तिक सिंह ने दावेदारी प्रस्तुत की। मैं समझता हूं, मेरे साथ अन्याय होने के साथ पारस अस्पताल में भर्ती संजीव झा के साथ भी न्याय नहीं हुआ और एक महिला होने के नाते लाजवंती झा को भी अपमानित किया गया। पार्टी के बड़े नेताओं पर फोन नहीं उठाने और उम्मीदवार के नाम की घोषणा से भरोसे में नहीं लेने पर आपत्ति जताई है।

    उन्होंने लिखा, जनता के दुलार-स्नेह के कारण एक सामान्य परिवार से शिक्षक के पुत्र रहकर भी दो बार निर्दलीय चुनाव जीता। उसवक्त माननीय नीतीश कुमार जी के सरकार बनाने में निःस्वार्थ भाव से जी-जान लगा दिया था। इसबात को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी स्वीकारते भी रहे हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी जी के व्यक्तित्व और विचारों से प्रभावित होकर तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय जी एवं सुशील कुमार मोदी के आग्रह पर मैं 22 अक्टूबर 2014 को भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश किया।

    किशोर कुमार ने पत्र में लिखा, विगत बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में भी मैं चुनाव अपने गृहक्षेत्र में लड़ना चाहता था, लेकिन शाहनवानज हुसैन जी के अंतिम समय में इनकार कर दिए जाने पर मुझे दवाब देकर बलि का बकरा बनाकर सुपौल चुनाव लड़ने के लिए भेज दिया गया। नॉमिनेशन के अंतिम दिन से एक दिन पहले मेरे नाम की घोषणा की गई और अंतिम दिन भागमभाग की अवस्था में नॉमिनेशन किया। स्थानीय कार्यकर्ताओं को अपने व्यक्तिगत परिचय के आधार पर मिलाकर संघर्ष किया था और 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को जितना मत प्राप्त हुआ था उससे तिगुना मत प्राप्त करके सम्मानजनक स्थिति में पार्टी को लेकर आया था। पार्टी ने उसके बाद सदैव कहा आपको चुनाव लड़ाएंगे। लेकिन कोशी क्षेत्र में मात्र दो सीट लेकर क्षेत्र के सभी कार्यकर्ताओं की जीतोड़ मेहनत का मज़ाक उड़ाया गया।