कौन करेंगे मां जानकी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा? केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दी जानकारी
Bihar Assembly Election 2025: पहले चरण के चुनाव प्रचार के लिए दरभंगा पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक के बाद एक कई घोषणां कीं। एक ओर जहां उन्होंने सांस्कृतिक म्यूजियम के बारे में बताया वहीं दूसरी ओर मां जानकी मंदिर को लेकर एक बड़ा अपडेट दिया है। मिथिलांचल की राजधानी दरभंगा में उन्होंने कई बड़ी बातें कहीं।

Bihar Election 2025: यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।
डिजिटल डेस्क, दरभंगा/मुजफ्फरपुर। Bihar Assembly Election 2025: बिहार में इन दिनों चुनाव प्रचार अपने चरम की ओर बढ़ रहा है। इस दौरान कई घोषणाएं, दावे और वादे किए जा रहे हैं। इस क्रम में दरभंगा के अलीनगर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कई बड़ी घोषणाएं कीं।
मां जानकी मंदिर को लेकर अपडेट
मैथिली ठाकुर के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर के साथ-साथ 850 करोड़ की लागत में सीतामढ़ी में बन रहे मां जानकी मंदिर की विस्तार से चर्चा की। इस दौरान एक महत्वपूर्ण अपडेट भी दिया।
पीएम मोदी करेंगे प्राण प्रतिष्ठा
अमित शाह ने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर की तरह ही माता जानकी के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही करेंगे। हालांकि उन्होंने इसके लिए अभी कोई तिथि की घोषणा नहीं की।
सीतामढ़ी-अयोध्या के बीच सीधी ट्रेन
इतना ही नहीं, इस दौरान उन्होंने सीतामढ़ी और अयोध्या को जोड़ने वाली एक अमृत भारत ट्रेन चलाने की घोषणा की। अमित शाह ने केंद्र की एनडीए सरकार की ओर से मिथिला और मैथिली संस्कृति के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
सांस्कृतिक म्यूजियम की स्थापना
यहां की ज्ञान संपदा को संचित करने और नई पीढ़ी को इससे रू-ब-रू कराने के लिए सांस्कृतिक म्यूजियम स्थापित करने की घोषणा की। इसकी लागत 500 करोड़ आएगी। इस दौरान उन्होंने दरभंगा और पूर्णिया में स्थापित एयरपोर्ट की चर्चा की।
बाढ़ से मुक्ति
इसके साथ-साथ मखाना बोर्ड और एम्स का भी उल्लेख किया। मिथिला की संस्कृति के अनुरूप रेलवे स्टेशन के विकास और इस क्षेत्र को बाढ़ के प्रभाव से मुक्त करने के लिए किए जा रहे कार्यों की चर्चा की। गृहमंत्री ने कहा कि इसके माध्यम से मिथिला के विद्वानों की पांडुलिपियों को संरक्षित करने के साथ-साथ पूरे बिहार के विद्वानों की पांडुलिपियों को संरक्षिति करते हुए ज्ञान की धारा को और समृद्ध किया जाएगा।


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