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Karakat Election 2020 : काराकाट में भाजपा के राजेश्‍वर राज करेंगे माले के अरुण कुमार का सामना

Karakat Election News 2020 10 साल पहले नये परिसीमन के बाद बिक्रमगंज लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र का अस्तित्‍व समाप्‍त हो गया। इसकी जगह पर काराकाट विधानसभा क्षेत्र बना। यहां भाजपा भाकपा माले और रालोसपा के उम्‍मीदवारों के बीच मुकाबले के आसार बन रहे हैं।

By Shubh NpathakEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 02:47 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 09:46 PM (IST)
Karakat Election 2020 : काराकाट में भाजपा के राजेश्‍वर राज करेंगे माले के अरुण कुमार का सामना
स्‍थानीय रेलवे स्‍टेशन की तस्‍वीर, सांकेतिक तस्‍वीर ।

जेएनएन, सासाराम। Bihar Election 2020:  काराकाट विधानसभा सीट बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एक है। यह रोहतास जिले का हिस्‍सा है। यह क्षेत्र काराकाट लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। 1967 में हुए यहां पहले चुनाव में एसएसपी के तुलसी सिंह यादव विधायक बने थे। 2015 में यहां आरजेडी के संजय यादव विधायक बने थे। इस बार यहां 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। यहां मुकाबला भाजपा के राजेश्वर राज, भाकपा-माले के अरुण कुमार व रालोसपा की मालती सिंह के बीच माना जा रहा है। हालांकि निर्दलीय व अन्य दलों के प्रत्याशी वोटों में सेंध लगाकर समीकरण बिगाड़ सकते हैं। यहां से 2010 में जदयू के राजेश्वर राज ने भाकपा माले के अरुण कुमार को हराया था। बाद में वे जदयू छोड़ भाजपा में शामिल हो गए, हालांकि 2015 के चुनाव में राजद के संजय यादव से चुनाव हार गए थे। इस बार एनडीए से भाजपा के राजेश्वर राज फिर मैदान में हैं। इधर, 2015 में राजद के टिकट पर चुनाव जीते संजय यादव इस बार बेटिकट होने से शांत हैं। प्रथम चरण में यहां आज मतदान हो गया।

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नये परिसीमन के बाद आया अस्तित्‍व में

बिक्रमगंज इस क्षेत्र का मुख्‍य शहर है, जिसे अनुमंडल मुख्‍यालय बनाया गया है। 2005 तक यह बिक्रमगंज लोकसभा व विधानसभा क्षेत्र का हिस्‍सा हुआ करता था। नये परिसीमन में निर्वाचन क्षेत्र का नाम बदल गया है। पुराने परिसीमन के अनुसार इस निर्वाचन क्षेत्र में बिक्रमगंज के अलावा संझौली, दावथ व सूर्यपुरा प्रखंड थे।

प्रमुख प्रत्‍याशी

1. राजेश्‍वर राज, भाजपा

2. अरुण कुमार, भाकपा माले

3. मालती सिंह, रालोसपा

प्रमुख मुद्दे

 1. यातायात व्यवस्था - शहर में बस स्टैंड, जीप, ऑटो , टैक्सी, रिक्शा, ठेला का कोई स्टैंड नहीं है और न कहीं पार्किंग की व्यवस्था है। बड़े बड़े मार्केट व बैंक हैं, लेकिन उनके पास पार्किंग की जगह नहीं है। इससे सड़क जाम की समस्या तो है ही वाहनों की चोरी भी धड़ल्ले से होती है। तेंदुनी चौक के पास सड़क जाम की स्थिति हमेशा रहती है। यहां ट्रैफिक पुलिस की भी कोई व्यवस्था नहीं है।

2. सब्जी बाजार - शहर में सब्जी बाजार की भी जगह उपलब्ध नहीं है। पहले यहां बाजार समिति ने इसके लिए तेंदुनी ढिबरा मोहल्ला व थाना चौक के पास शेड बनवाया था, लेकिन दोनों शेड तक जाने के लिए अब तीन व चार फीट रास्ता बचा है। अब यहां सब्जी बाजार नहीं लगता और शेड का उपयोग आसपास के लोग अपने लिए करते हैं।

3. सार्वजनिक शौचालय - सार्वजनिक शौचालय के नाम पर शहर के तेंदुनी चौक पर एकमात्र शौचालय है। वहीं एक यूरिनल अनुमंडल कार्यालय के पास है, लेकिन इस यूरिनल का भी उपयोग गंदगी के चलते लोग नहीं कर पाते हैं। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं के लिए हैं। दनके लिए शहर में यूरिनल की कोई व्यवस्था नहीं है।

वर्ष - कौन जीता - कौन हारा

2015 - संजय कुमार सिंह, राजद - राजेश्‍वर राज, भाजपा

2010 - राजेश्‍वर राज, जदयू - मुन्‍ना राय, राजद

2005 नवंबर - अरुण सिंह, भाकपा माले - राजेश्‍वर राज, जदयू


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