दिल्ली के खजूरी खास इलाके में एक विवाह समारोह में सिपाही के गोली चलाने से भाई-बहन का घायल होना गंभीर है। यह दर्शाता है कि जहां मामूली विवाद में लोग इस कदर आपा खोते जा रहे हैं कि किसी की जान लेने से भी संकोच नहीं करते, वहीं विवाह समारोहों में हथियार लेकर जाने और फायरिंग करने की घटनाओं पर भी रोक नहीं लग पा रही है। इस घटना में बैंक्वेट हॉल में शादी के रिसेप्शन समारोह के दौरान दूल्हा-दुल्हन के साथ फोटो खिंचवाने की होड़ में दिल्ली पुलिस का सिपाही फोटोग्राफर पर भड़क गया और वहां सिविल ड्रेस में मौजूद एएसआइ की सर्विस रिवॉल्वर छीनकर उसने गोली चला दी। गोली लगने से दूल्हे का मौसेरा भाई व मौसेरी बहन घायल हो गए। मामूली बात पर आपा खोने की इस तरह की अनेक घटनाएं राजधानी में सामने आती हैं। ऐसी घटनाओं में कई बार लोगों की जान भी जा चुकी है।

यह सही है कि तेज भागती दिल्ली में रोजी-रोटी कमाने की आपाधापी में अधिकतर लोग किसी न किसी तनाव से ग्रस्त हैं और इस कारण उनमें धैर्य की कमी होती जा रही है। यह घटना विवाह समारोहों में हथियारों के प्रदर्शन की घटनाओं की भी बानगी है। प्रश्न उठता है कि यदि दिल्ली पुलिस का एएसआइ ड्यूटी पर नहीं था तो वह सादी वर्दी में पिस्तौल लेकर विवाह समारोह में क्यों मौजूद था? विवाह समारोह में हथियार के प्रदर्शन ने लोगों की जान ली है, फिर भी इसपर रोक लगा पाना संभव नहीं हो पा रहा है। विभिन्न सामाजिक-धार्मिक संगठनों को इसे रोकने के लिए आगे आना चाहिए। इसके अलावा दिल्लीवासियों को अपना तनाव कम करने के लिए नियमित रूप से योग इत्यादि को अपनाना चाहिए।

[ स्थानीय संपादकीय: दिल्ली ]