रिफ्रेश होना है तो जाएं रानीखेत
उत्तराखंड में स्थित रानीखेत अपने शांत वातावरण और खूबसूरत दृश्यों के लिए प्रसिद्घ है। अगर आप गर्मियों में फेमिली के साथ घूमने या फिर रिफ्रेश होने का प्लान बना रहे हैं तो रानीखेत का रुख कर सकते हैं... अगर आप वीकेंड में फेमिली के साथ आउटिंग का प्लान बना रहे हैं
उत्तराखंड में स्थित रानीखेत अपने शांत वातावरण और खूबसूरत दृश्यों के लिए प्रसिद्घ है। अगर आप गर्मियों में फेमिली के साथ घूमने या फिर रिफ्रेश होने का प्लान बना रहे हैं तो रानीखेत का रुख कर सकते हैं...
अगर आप वीकेंड में फेमिली के साथ आउटिंग का प्लान बना रहे हैं तो रानीखेत में पहुंच कर आपको काफी सुकून मिलेगा। रानीखेत समुद्र तल से करीब 1824 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक छोटा, लेकिन बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। कम भीड़-भाड़ और यहां का शांत माहौल इसे खास बना देता है। यकीन मानिए यहां पहुंचने के बाद आप खुद को प्रकृति की गोद में पाएंगे। रानीखेत ब्रिटिश शासन के दौरान अंग्रेजी फौज की छावनी रही है। अब यहां कुमाऊं रेजीमेंट का मुख्यालय है। रानीखेत की हसीन वादियों में देवदार और पाइन के घने वन और हिमालय को देखने दूर-दूर से पर्यटक यहां आते हैं।
रानीखेत का इतिहास
इस जगह के बारे में कहा जाता है कि कुमाऊं के राजा सुखदेव की पत्नी रानी पद्मावती को यहां की सुंदरता इतनी पसंद आई कि उन्होंने यहीं रहने का फैसला कर लिया। रानीखेत और इसके आसपास के इलाकों में कुमाऊंनी शासकों का शासन था। यहां पहुंचने के बाद आपको सेना के दफ्तर और जवान दिखाई दे जाएंगे।
आकर्षण रानीखेत के
रानीखेत में देखने और घूमने के लिहाज से का$फी कुछ है। इनमें से कुछ खास हैं :
चौबटिया गार्डन : यहां पहुंचने के बाद चौबटिया गार्डन जरूर जाएं। यह फलों से जुड़ा एक रिसर्च केेंद्र है। यहां सेब, अखरोट, खुबानी जैसे फलों के अनगिनत पेड़ हैं। आप चाहें तो घूमने के लिए गाइड की हेल्प ले सकते हैं। यह पिकनिक के लिहाज से हॉट स्पॉट है। इस स्थान से हिमालय, नंदादेवी, त्रिशूल, नंदाघुंटी और नीलकंठ के खूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं। इस गार्डन में करीब 36 किस्म के सेब उगाए जाते हैं।
गोल्फ कोर्स : रानीखेत का गोल्फ कोर्स का$फी मशहूर है। इसे 'उपट कालिका' के नाम से जाना जाता है। यहां आसपास चीड़ और देवदार के घने पेड़ हैं। उपट भारत के प्रमुख गोल्फ कोर्स में से एक है। उपट से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित कलिका गांव में देवी काली का प्रसिद्ध मंदिर भी है।
झूला देवी मंदिर और राम मंदिर : रानीखेत का प्रमुख आकर्षण है यहां का 'घंटियों वाला मंदिर'। मां दुर्गा के इस छोटे-से मंदिर में यहां आने वाले श्रद्धालु मनोकामनाएं पूरी होने पर छोटी-बड़ी घंटियां चढ़ाते हैं। देवी दुर्गा को समर्पित यह मंदिर रानीखेत से करीब 7 किमी. दूर है। झूला देवी मंदिर के पास ही भगवान राम को समर्पित एक मंदिर भी है।
भालू डैम : चौबटिया से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर भालू डैम है। इस डैम को 1903 में ब्रिटिश गवर्नमेंट में बनाया था। यह जगह फिशिंग के लिए मशहूर है।
बिनसर महादेव : रानीखेत जाते हैं, तो बिनसर महादेव मंदिर देखना न भूलें। रानीखेत से करीब 19 किमी. की दूरी पर बिनसर महादेव मंदिर समुद्र तल से करीब 2480 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर के चारों तरफ घने देवदार के वन हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर को राजा पीथू ने अपने पिता बिंदू की याद में बनवाया था, इसीलिए इसे बिंदेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
हैरा खान आश्रम : रानीखेत से करीब चार किलोमीटर दूर चिलियानौला में संत हेरा का आश्रम है। यहां से हिमालय की रेंज सा$फ-सा$फ दिखाई देती है।
वैसे, रानीखेत के आसपास मजखली, चौखुटिया, शीतलाखेत, तारीखेत, खराना, मनकामेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल भी दर्शनीय स्थल हैं।
कैसे जाएं
रानीखेत काठगोदाम रेलवे स्टेशन से करीब 81 किमी. की दूरी पर है। दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे से रानीखेत के लिए बस चलती है। रानीखेत के लिए नैनीताल, अल्मोड़ा, काठगोदाम और कौसानी से भी नियमित बसें हैं। दिल्ली से रानीखेत की दूरी करीब 350 किलोमीटर है।
अमित निधि