बहुत खूबसूरत है दुनिया
एक तरफ फूल सी कोमल, तो दूसरी तरफ त्रिशूल की धार सी तेज। स्त्री हर रूप में खास होती है, पर उसे प्रोग्रेसिव समाज ने अब तक नहीं समझा-कहते हैं आर्टिस्ट कैमिलिया सुमन। डीडी से कैमिलिया की एक मुलाकात.. ड्रॉइंग मेरा पैशन जिस समय बच्चे खिलौने से खेलते हैं, मैंने ब्रश पकड़ा। वह बस खेल था। पर जब थोड़ा बड़ा ह

एक तरफ फूल सी कोमल, तो दूसरी तरफ त्रिशूल की धार सी तेज। स्त्री हर रूप में खास होती है, पर उसे प्रोग्रेसिव समाज ने अब तक नहीं समझा-कहते हैं आर्टिस्ट कैमिलिया सुमन। डीडी से कैमिलिया की एक मुलाकात..
ड्रॉइंग मेरा पैशन
जिस समय बच्चे खिलौने से खेलते हैं, मैंने ब्रश पकड़ा। वह बस खेल था। पर जब थोड़ा बड़ा हुआ, तो ड्राइंग मेरा पैशन बन गया। हाई स्कूल तक सारे सब्जेक्ट में जीरो आते थे, लेकिन ड्रॉइंग में सौ प्रतिशत। एक्चुअली पेंटिंग की प्रेरणा बाहर नहीं मेरे अंदर ही थी। ब्रश और कैनवास मेरी ़िजंदगी का अहम हिस्सा हैं।
जाना है दूर
द्रोपदी प्रोजेक्ट के जरिए देश भर में यूथ को जगाने का काम कर रहा हूं। इस बाबत दिल्ली यूनिवर्सिटी व दूसरे राज्यों में एग्जीबिशंस और अन्य प्रोग्राम शुरू किए हैं। इसमें लोगों का जबर्दस्त सपोर्ट मिला। मंजिल क्या है, यह सोचने के बजाय कुछ अलग करने की कोशिश में जुटा हूं।
स्त्रियों से प्रेरित है द्रौपदी पेंटिंग
अपनी बहन और मां से मैं बहुत इंस्पायर्ड हूं। उनकी वजह से मैं एक संवेदनशील आर्टिस्ट बन पाया हूं। मेरी पेंटिंग स्त्री की संवेदनाओं, भावनाओं को अभिव्यक्त करने की कोशिश है। बहुत दुख होता है, जब आज प्रोग्रेसिव समाज में भी स्त्री को उचित सम्मान देने के बजाय लोग उनकी मर्यादा, उनके स्वाभिमान पर चोट कर रहे हैं।
मेरी हालिया पेंटिंग 'द्रौपदी' का थीम भी यही है।
युवाओं पर भरोसा है जरूरी
आज के यूथ को समझने की जरूरत है। यदि उन्होंने कोई राह चुनी है तो उस पर य़कीन करने की आवश्यकता है। जब पेरेंट्स उनके सपनों पर भरोसा करते हैं तो निश्चित तौर पर वे अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ते। मैंने पेटिंग की राह चुनी तो मेरे पेरेंट्स ने मुझ पर भरोसा किया, इस भरोसे पर खरा उतरने की मेरी कोशिश भी रंग ला रही है। लोग जानने लगे हैं।
( सीमा झा)
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