भावनाओं के साथ खिलवाड़
क्या तुम मुझे कभी माफ कर पाओगे सोमेश? यह सच है कि मैंने तुम्हारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है, लेकिन जो भी होता है, अच्छे के लिए होता है। तुम मेरे साथ रिश्ते को लेकर का़फी सीरियस थे, लेकिन मैं नहीं थी। जब मैं तुम्हारे दोस्त पारस से मिली, तो मुझे लगा कि मैं तुमसे प्यार नहीं करती, बल्कि तुम्हारे
क्या तुम मुझे कभी माफ कर पाओगे सोमेश? यह सच है कि मैंने तुम्हारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है, लेकिन जो भी होता है, अच्छे के लिए होता है। तुम मेरे साथ रिश्ते को लेकर का़फी सीरियस थे, लेकिन मैं नहीं थी। जब मैं तुम्हारे दोस्त पारस से मिली, तो मुझे लगा कि मैं तुमसे प्यार नहीं करती, बल्कि तुम्हारे प्रति इन्फैचुएशन है। तुम्हें बिना बताए मैं अकसर उसके साथ घूमने निकल जाती। एक दिन जब उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम मुझसे प्यार करती हो तो मैं ना नहीं कह सकी, क्योंकि हम दोनों के विचार का़फी मिलते-जुलते थे। पर मैंने जब दूसरे दोस्तों से तुम्हारे बारे में जाना तो बेहद अ़फसोस हुआ। मुझसे ब्रेकअप होने के बाद तुमने लोगों से मिलना-जुलना बंद कर दिया। यहां तक कि अपनी मां को भी तुम फोन नहीं करते हो। यह अच्छी बात नहीं है। मैं तुम्हें अपने कन्फेशन के माध्यम से यह बताना चाहती हूं कि जिंदगी रुक जाने का नाम नहीं है। अगर एक व्यक्ति तुम्हारी जिंदगी से निकल गया है तो कोई बात नहीं। उसकी जगह दूसरे का स्वागत करो। अगर तुम लोगों से अपनी प्रॉब्लम शेयर करोगे तो न सिर्फ तुम्हारा मन हलका होगा, बल्कि कई दूसरे सकारात्मक पहलू भी तुम्हारे सामने उभर कर आएंगे। संभव है कि हम दोनों का रिश्ता कायम रहता, तो हमारे विचार न मिलने के कारण आगे तकरार होती। अधिक लड़ाइयां होने से रिश्ता टूटने का डर हमेशा बना रहता। इसलिए पुरानी बातें भूल जाओ और नए का सम्मान करो।
(श्रेष्ठा)
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