डिफेंस सेक्टर की 3 कंपनियों की पूरी कुंडली, केंद्र ने इन्हें क्यों दिया 'मिनीरत्न' का दर्जा?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में तीन रक्षा कंपनियों- म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड आर्मर्ड व्हेकिल्स निगम लिमिटेड और इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड को मिनीरत्न का दर्जा देने की मंजूरी दी है। इन कंपनियों को मिनीरत्न श्रेणी-1 में रखा गया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार इन कंपनियों ने सिर्फ तीन वर्षों में सरकारी संगठन से मुनाफा देने वाली सबसे बड़ी कंपनियों के रूप में अपनी पहचान बनाई है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तीन रक्षा कंपनियों को 'मिनीरत्न' का दर्जा देने को मंजूरी दे दी है। ये कंपनियां म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड (Munitions India Limited), आर्मड व्हेकिल्स निगम लिमिटेड (Armoured Vehicles Nigam Limited) और इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (India Optel Limited) हैं। इन्हें मिनीरत्न कंपनियों में कैटगरी 1 का दर्जा दिया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि सिर्फ तीन साल में ये तीनों रक्षा कंपनियां सरकारी संगठन से मुनाफा देने वाली सबसे बड़ी कंपनियां बन गई हैं। MIL और AVNL को Schedule ‘A’ कंपनियों के तौर पर क्लासीफाई किया गया है। वहीं IOL Schedule ‘B’ फर्म है। ये तीनों कंपनियां रक्षा उत्पादन विभाग (DDP) के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं।
लेकिन 'क्या आप जानते हैं' कि किसी कंपनी को 'मिनीरत्न' का दर्जा क्यों दिया जाता है, इससे क्या फायदा होता है और इसे कितनी कैटगरी में दिया जाता है और जिन कंपनियों को 'मिनीरत्न' का दर्जा मिला है, उसकी पूरी कुंडली क्या है? इस आर्टिकल में जानेंगे सारे सवालों के जवाब।
क्यों दिया जाता है 'मिनीरत्न' का दर्जा?
पब्लिक सेक्टर यूनिट्स (PSU) को उनके वित्तीय प्रदर्शन, स्वायत्तता और रणनीतिक महत्व के आधार पर कई कैटेगरी में बांटा जाता है। इस आधार पर ही उन्हें कई दर्जा मिलता है। इनमें से एक हैं 'मिनीरत्न'। यह दर्जा उन सरकारी कंपनियों को मिलती है, जिनकी वित्तीय स्थिति अच्छी होती हैं और भविष्य में और भी बेहतर करने की संभावनाएं रखते हैं। मिनीरत्न का दर्जा मिलने के बाद ऐसी कंपनियों को ज्यादा स्वायत्तता मिलती है, जिससे कि वे और तेजी से तरक्की कर सकें।
इन कंपनियों को वैश्विक मार्केट में पैर पसारने और मुनाफा कमाने के लिए सरकार छूट देती है। कंपनियों को फैसले लेने में भी आजादी मिलती है।
कितनी कैटेगरी में होती मिनीरत्न?
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श्रेणी | कंपनी का नाम |
---|---|
मिनीरत्न श्रेणी-I | 1. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण |
2. एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड | |
3. बाल्मर लॉरी एंड कंपनी लिमिटेड | |
4. भारत कोकिंग कोल लिमिटेड | |
5. भारत डायनामिक्स लिमिटेड | |
6. बीईएमएल लिमिटेड | |
7. भारत संचार निगम लिमिटेड | |
8. ब्रैथवेट एंड कंपनी लिमिटेड | |
9. ब्रिज एंड रूफ कंपनी (इंडिया) लिमिटेड | |
10. सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड | |
11. सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड | |
12. सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड | |
13. चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड | |
14. कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड | |
15. कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड | |
16. ईडीसीआईएल (इंडिया) लिमिटेड | |
17. गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड | |
18. ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड (ग्रिड-इंडिया) | |
19. गोवा शिपयार्ड लिमिटेड | |
20. हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड | |
21. हिंदुस्तान स्टीलवर्क्स कंस्ट्रक्शन लिमिटेड | |
22. एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड | |
23. हिंदुस्तान पेपर कॉर्पोरेशन लिमिटेड | |
24. एचएससीसी (इंडिया) लिमिटेड | |
25. इंडिया टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड | |
26. इंडियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड | |
27. भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम लिमिटेड | |
28. भारतीय रेलवे वित्त निगम लिमिटेड | |
29. इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन | |
30. केआईओसीएल लिमिटेड | |
31. महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड | |
32. एमओआईएल लिमिटेड | |
33. मंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल लिमिटेड | |
34. मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड | |
35. मिश्रा धातु निगम लिमिटेड | |
36. एमएमटीसी लिमिटेड | |
37. एमएसटीसी लिमिटेड | |
38. नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड | |
39. नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन लिमिटेड | |
40. नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन | |
41. नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड | |
42. नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड | |
43. न्यूमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड | |
44. पवन हंस हेलीकॉप्टर्स लिमिटेड | |
45. प्रोजेक्ट्स एंड डेवलपमेंट इंडिया लिमिटेड | |
46. सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड | |
47. साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड | |
48. टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड | |
49. टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड | |
50. वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड | |
51. वॉपकॉस लिमिटेड | |
52. म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) | |
53. आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (एवीएनएल) | |
54. इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल) | |
मिनीरत्न श्रेणी-II | 1. आर्टिफिशियल लिम्ब्स मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया |
2. भारत पंप्स एंड कंप्रेसर्स लिमिटेड | |
3. ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड | |
4. इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड | |
5. एफसीआई अरावली जिप्सम एंड मिनरल्स इंडिया लिमिटेड | |
6. फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड | |
7. एचएमटी (इंटरनेशनल) लिमिटेड | |
8. इंडियन मेडिसिन्स एंड फार्मास्यूटिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड | |
9. मेकॉन लिमिटेड | |
10. नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड | |
11. राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड |
MIL और AVNL और IOL क्यों चुने गए ?
ये बात तो आप जान ही गए होंगे कि कंपनियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर 'मिनीरत्न' का दर्जा मिलता है। इसलिए सबसे पहले तीनों कंपनियों के रेवन्यू पर नजर डालते हैं। MIL यानी म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड छोटे, मध्यम और हाई-कैलिबर राउंड, ग्रेनेड, मोर्टार और रॉकेट सहित गोला-बारूद बनाती है। इस कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 में अपना प्रोविजनल रेवेन्यू 8,282 करोड़ रुपये तक बढ़ाया है। वित्त वर्ष 2021-22 में यह 2,571.6 करोड़ था। इसी अवधि में निर्यात के आंकड़े भी 22.55 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,081 करोड़ रुपये हो गए हैं।
AVNL आर्मड व्हेकिल्स निगम लिमिटेड मेन बैटल टैंक, पैदल सेना के लड़ाकू वाहन और रक्षा रसद प्लेटफॉर्म बनाने वाली कंपनी है। वित्त वर्ष 2024-25 में 4,986 करोड़ रुपये का प्रोविजनल रेवेन्यू दर्ज किया है। वित्त वर्ष 2021-22 में यह 2,569.26 करोड़ रुपये था। कंपनी ने तीनों प्रमुख लड़ाकू वाहन प्लेटफार्म T-72, T-90 और BMP-II में स्वदेशी इंजन बनाए हैं।
वहीं IOL यानी इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड लैंड और समुद्री प्लेटफार्मों के लिए ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक और विजन सिस्टम पर काम करती है। कंपनी ने अपने राजस्व को दोगुना से भी ज्यादा कर लिया है। वित्त वर्ष 2021-22 में 562.12 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में प्रोविजनल रेवन्यू 1,541.38 करोड़ रुपये हो गया है।
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