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    क्‍या है भारतपोल..क्‍या इंटरपोल से सीधे मदद मांग सकेगी पुलिस; नोटिस भी जारी कर सकेगी या नहीं?

    Updated: Tue, 07 Jan 2025 09:20 AM (IST)

    भारत सरकार अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए भारतपोल (Bharatpol) नाम का अत्‍याधुनिक पोर्टल शुरू करने जा रही है। भारतपोल का सीबीआई ने तैयार किया है जिसके जरिए राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों और सभी जांच एजेंसियां सीधे इंटरपोल से जुड़ सकेंगी। भारतपोल यानी इंडियन इंटरपोल कब से और कैसे काम करेगा इसकी जरूरत क्‍यों पड़ी जैसे सभी सवालों के जवाब यहां पढ़िए...

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    What is Bharatpol: भगोड़े अपराधियों की खैर नहीं! विदेश से ढूढ़ लाएगी पुलिस। फोटो- एआई

    डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। देश में अपराध करके विदेश फरार होने और वहां से भारत में जुर्म का सिंडीकेट चलाकर तबाही मचाने वाले अपराधियों की अब खैर नहीं होगी। वे दिन हवा होने वाले हैं, जब क्रिमिनल छुप जाते और सालों-साल पुलिस उनको तलाशती रहती।

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    अब अपराधी देश में छिपे हों या फिर विदेश भाग गए हों,  भगोड़े आतंकवादियों और अपराधियों की जानकारी राज्‍यों की पुलिस सीधे इंटरपोल से ले सकेगी। अब अपराधियों पर शिकंजा कसना आसान हो जाएगा।

    केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इंटरपोल (Interpol) की तर्ज पर भारतपोल (Bharatpol) शुरू किया है।  भारतपोल यानी इंडियन इंटरपोल कब से और कैसे काम करेगा, इसकी जरूरत क्यों पड़ी जैसे सभी सवालों के जवाब यहां पढ़िए...

    भारतपोल क्‍या है?

    केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भारतपोल (Bharatpol) नाम से एक अत्याधुनिक पोर्टल बनाया है, जो राज्‍यों व केंद्रशासित प्रदेशों की पुलिस और एनआईए व ईडी समेत सभी जांच एजेंसियों को एक साथ जोड़ता है।

    भारतपोल कब से काम करेगा?

    भारतपोल का सफल ट्रायल हो चुका है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज, मंगलवार यानी 7 जनवरी को भारत मंडपम में भारतपोल लॉन्‍च किया है। यानी कि आज से ही काम करेगा। 

    भारतपोल: कनेक्ट, नोटिस, रेफरेंस, ब्रॉडकास्ट और रिसोर्स

     यह शुरुआत हमारे देश की कानून प्रवर्तन एजेंसी की अंतरराष्‍ट्रीय जांच को एक अलग युग में ले जाएगी। भारतपोल से जरिए हर एक एजेंसी और हर राज्‍य व केंद्रशासित प्रदेश की पुलिस बड़ी आसानी से इंटरपोल के साथ संपर्क कर पाएगी। इससे जांच प्रक्रिया जल्‍द पूरी हो सकेगी। यानी- कनेक्ट, नोटिस, रेफरेंस, ब्रॉडकास्ट और रिसोर्स ये पांच 'भारतपोल' के प्रमुख मॉड्यूल होंगे, जिनके माध्यम से हमारे देश की सभी जांच एजेंसियां एक प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगी- अमित शाह, गृह मंत्री

    इंटरपोल क्या है, जिसकी तर्ज पर बना है भारतपोल?

    इंटरपोल 195 देशों की जांच एजेंसियां का पुलिस संगठन है, जो दुनिया भर में अपराध पर लगाम कसने के लिए अपराधियों के बारे में सूचनाओं का लेनदेन और उन्हें दबोचने के लिए इंटरनेशनल नोटिस जारी करता है। भारत की ओर से सीबीआई इससे जुड़ी है। वहां सीबीआई के अधिकारी नियुक्त हैं।

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    भारतपोल की जरूरत क्‍यों पड़ी?

    अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद विदेश भाग चुके अपराधियों की जानकारी के लिए अभी राज्‍यों की पुलिस को सीबीआई से आग्रह करना पड़ता है। इसके बाद सीबीआई इंटरपोल में बात करती है, तब जाकर नोटिस जारी होते हैं।

    इस प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है। भारतपोल के माध्‍यम से राज्‍यों की पुलिस व संबंधित जांच एजेंसियां सीधे पोर्टल पर रिक्वेस्ट इंटरपोल को कर सकेंगी।

    भारतपोल से क्‍या लाभ होगा?

    मौजूदा वक्‍त में पुलिस को पता करना हो कि उनकी रिक्वेस्ट का स्टेटस क्या है, इसके लिए दोबारा सीबीआई को ई-मेल या फैक्स करना पड़ता है। भारतपोल के जरिये पुलिस सीधे रिक्‍वेस्‍ट ट्रैक कर सकेगी।

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    क्‍या भारतपोल नोटिस जारी कर सकेगा?

    नहीं,  भारतपोल नोटिस जारी नहीं कर सकेगा। नोटिस इंटरपोल ही जारी करेगा।  पुलिस को किसी अपराधी के बारे में जानकारी चाहिए तो भारतपोल के जरिये पुलिस सीधे इंटरपोल से संपर्क कर सकेगी। अगर इंटरपोल की ओर से रिक्वेस्ट एक्सेप्ट हो जाती है तो देश छोड़कर भाग चुके अपराधी के खिलाफ नोटिस जारी हो सकेगा।

    क्‍या पाकिस्‍तान इंटरपोल का सदस्य है?

    हां, पाकिस्तान भी इंटरपोल का सदस्य है।

    • पाकिस्तान 1995 में इंटरपोल में शामिल हुआ था।
    • भारत 1949 से इंटरपोल का सक्रिय सदस्य है। 

    भारत ने इंटरपोल की सहायता से कई भगोड़े अपराधियों का प्रत्‍यपर्ण कराने में सफलता प्राप्त की है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अनुसार, 2021 से अब तक इंटरपोल के माध्यम से 100 से अधिक अपराधियों को भारत लाया जा चुका है, जिसमें से 2024 में ही 26 अपराधियों का प्रत्यर्पण हुआ है। इनमें सलमान रहमान खान, बरकत अली खान और रायहान अरबिक्कललारिक्कल जैसे अपराधी शामिल हैं।

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    Source :

    सीबीआई की ऑफिशियल वेबसाइट:  https://bharatpol.cbi.gov.in/ 

    भारतपोल को लेकर भारत सरकार की प्रेस रिलीज : https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2090659

    अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

    भारतपोल के पांच प्रमुख मॉड्यूल्स – कनेक्‍ट (Connect), नोटिस (INTERPOL Notices), रेफरेंस (References), ब्रॉडकास्‍ट (Broadcast) और रिसॉर्स (Resources) हैं। इसके जरिए हमारी सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सहायता का एक तकनीकी मंच मिला है।

    मोदी सरकार द्वारा पिछले साल जो तीन आपराधिक कानून लाए गए थे, उनमें Trial In Absentia का प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके तहत एक न्यायिक प्रक्रिया सुनिश्चित कर कोर्ट के आदेश के साथ भगोड़े अपराधियों की अनुपस्थिति में उन पर केस चलाना सरल हो जाएगा। अब इन अपराधियों को भारतीय अदालतों से सजा मिलने के बाद उन्हें विदेशों से भारत लाना आसान हो जाएगा। Trial In Absentia प्रावधान और BHARATPOL के माध्यम से हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए दुनिया के किसी भी कोने में छिपे अपराधियों को भारतीय न्याय प्रणाली के