Hiroshima Day: अमेरिका ने जापान को दिया था कभी न भूलने वाला दर्द, 'लिटिल बॉय' ने हिरोशिमा में मचाई थी तबाही
अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर 78 साल पहले आज ही के दिन 6 अगस्त 1945 को परमाणु बम गिराया था।अमेरिका ने हिरोशिमा पर जिस बम को गिराया था उसका नाम लिटिल बॉय (Little Boy) था जबकि नागासाकी पर गिराया गया बम फैट मैन (Fat Man) था। अमेरिका के इस हमले में हिरोशिमा के 140000 लोग और नागासाकी में करीब 74000 लोग मारे गए थे।

टोक्यो, ऑनलाइन डेस्क। अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर 78 साल पहले आज ही के दिन 6 अगस्त 1945 को परमाणु बम गिराया था। देखते ही देखते पूरा शहर पल भर में ही मिट्टी में मिल गया था, जिसके निशान आज भी वहां पर मौजूद हैं। अमेरिका ने इसके तीन दिन के बाद 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर परमाणु हमला किया था। मालूम हो कि अमेरिका ने हिरोशिमा पर जिस बम को गिराया था, उसका नाम 'लिटिल बॉय' (Little Boy) था, जबकि नागासाकी पर गिराया गया बम फैट मैन (Fat Man) था।
2 लाख से अधिक लोगों की हुई थी मौत
ऐसा माना जाता है कि अमेरिका के इस हमले में हिरोशिमा के 1,40,000 लोग और, नागासाकी में करीब 74,000 लोग मारे गए थे। हालांकि, इस हमले के बाद भी कई लोग रेडियोएक्टिव यानी कि काली बारिश की चपेट में भी आए। इस बमबारी के कारण दूसरे विश्व युद्ध तुरंत खत्म हो गया और जापान ने 14 अगस्त 1945 को मित्र राष्ट्रों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
जापानी रडारों ने दी थी चेतावनी
जापानी रडारों ने दक्षिण की ओर से 6 अगस्त, 1945 को सुबह 7 बजे आ रहे अमेरिकी विमानों को देख लिया, जिसके कारण चेतावनी का सायरन बज गया। अमेरिकी वायु सेना के कर्नल पॉल टिबेट्स ने अपने बी-29 विमान से 8 बज कर 15 मिनट पर लिटिल बॉय को हिरोशिमा के ऊपर गिराया और बम को नीचे आने में सिर्फ 43 सेकेंड लगे। हालांकि, बम अपने लक्ष्य से 250 मीटर की दूरी पर जाकर गिरा
हिरोशिमा दिवस मनाने के पीछे क्या है कहानी?
अमेरिका द्वारा जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराया गया बम इतिहास के पन्नों में काला अध्याय के नाम से दर्ज है। हर साल 6 अगस्त को शांति की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए इस दिन को याद करते हुए हिरोशिमा डे (Hiroshima Day) के रूप में मनाया जाता है।
जब अमेरिका ने जापान को को दिया था कभी न भूलने वाला दर्द
एक सितंबर, 1939 में शुरू हुए द्वितीय विश्व युद्ध को छह साल पूरे हो गए थे, फिर भी लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही थी। इस दौरान जापान एक ताकतवर देश हुआ करता था और इस युद्ध में लगातार हमला कर रहा था, तभी इसके हमले को रोकने के लिए अमेरिका ने जापान पर परमाणु बम से हमला कर दिया और जापान को उसने कभी नहीं भूलने वाला दर्द दिया। द्वितीय विश्व युद्ध को 1939 से लेकर 1945 तक लड़ा गया।
पहले क्योटो को बनाया गया था निशाना
अमेरिका ने क्योटो को इसलिए निशाना बनाया था क्योंकि इस शहर में कई प्रमुख यूनिवर्सिटी थी। कई बड़े उद्योग यहां से संचालित होते थे। इसके अलावा इस शहर में 2000 बौद्ध मंदिर और कई ऐतिहासिक धरोहरें मौजूद थीं। क्योटो की अहमियत को देखते हुए परमाणु बम हमले का पहला टारगेट क्योटो को चुना गया था। हालांकि, युद्ध सचिव हेनरी स्टिमसन भी अपनी जिद पर अड़ गए थे। वह सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति हेनरी ट्रूमैन के पास गए और इसे टारगेट लिस्ट से हटाने की मांग की।
लिटिल बाय ने हिरोशिमा को किया था तबाह
अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर जिस लिटिल बॉय नाम का परमाणु बम गिराया था उसका वजन करीब चार टन यानी चार हजार किलो वजन का था। इस लिटिल बॉय में करीब 65 किलो यूरेनियम भरा हुआ था। इस बम को एनोला गे नाम के विमान से गिराया गया, जिसके पायलट पाल टिबेट्स थे। अमेरिका इस बम को जापान के एओई ब्रिज पर गिराना चाहता था, हालांकि, लक्ष्य से दूरी पर गिरने के कारण लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और कई हजार लोग घायल हो गए। जिस समय परमाणु बम गिरा था उस दौरान समय हिरोशिमा का तापमान चार लाख डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
फैट मैन ने नागासाकी को किया तबाह
अमेरिका ने हिरोशिमा के तीन दिन के बाद जापान के एक और शहर नागासाकी पर फैट मैन नाम के परमाणु बम से हमला किया। इस हमले में करीब 74,000 लोग मारे गए थे। 4500 किलो वजनी फैट मैन 6.5 किलो प्लूटोनियम से भरा हुआ था।
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