दिल्ली सरकार ने छात्रों को वित्तीय सहायता में वृद्धि की सिफारिश की, हैंडलूम सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा
दिल्ली सरकार हैंडलूम को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण पाने वाले छात्रों की आर्थिक मदद बढ़ाएगी। उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने वित्तीय सहायता में वृद्धि करने की सिफारिश की है। पहले साल के छात्रों के लिए स्टाइपेंड 400 से बढ़ाकर 2000 करने का प्रस्ताव है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 10 लाख का बजट निर्धारित किया गया है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार हैंडलूम को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्लान स्कीम प्रमोशन ऑफ हैंडलूम के तहत प्रशिक्षण पाने वाले छात्रों को आर्थिक मदद में बढ़ोत्तरी करेगी। उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सरकार की प्रमुख नीति प्रस्ताव में इसकी सिफारिश की है। इस नीति के तहत इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ हैंडलूम टेक्नोलॉजी (आईआईएचटी) जोधपुर में हथकरघा प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले दिल्ली के छात्रों को प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता में वृद्धि की जाएगी।
प्रस्ताव में छात्र सहायता के दो प्रमुख घटकों में वृद्धि की गई है। एडिशनल स्टेट स्टाइपेंड के तहत पहले दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्रों के प्रशिक्षण के लिए मौजूदा 400 प्रति माह से बढ़ाकर 2000 प्रति माह करने का प्रस्ताव है।वहीं दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्रों के लिए पुस्तक और भ्रमण भत्ता लिए प्रति वर्ष 1000 से बढ़ाकर 5000 प्रति छात्र करने का प्रस्ताव है।
दरें शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू कर दी गई
वित्तीय सहायता की बढ़ी हुई दरें शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू कर दी गई हैं, दिल्ली सरकार ने कहा है कि वर्तमान दरें 2009-10 से नहीं बढ़ाई गई हैं लगभग 15 वर्षों से इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई है तब से कोई संशोधन नहीं किया गया है।जबकि समय के साथ अध्ययन सामग्री, तकनीकी पुस्तकों और टूर के माध्यम से शैक्षिक प्रदर्शन की लागत में काफी वृद्धि हुई है, जिससे यह वृद्धि आवश्यक हो गई है।
कारीगरों को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
सिरसा ने कहा है कि यह हमारे युवाओं और भारतीय हथकरघा की प्राचीन विरासत में एक रणनीतिक निवेश है। यह केवल वित्तीय सहायता में वृद्धि नहीं है, बल्कि हमारे भविष्य के कारीगरों की नींव को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए इस योजना के अंतर्गत कुल 10.00 लाख का बजटीय प्रविधान निर्धारित किया गया है, ताकि संशोधित दरों के अनुरूप व्यय का वहन किया जा सके।
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