जमीन पर नहीं उतरी आयुष्मान योजना, मरीज को इलाज देने से किया इनकार; HC ने केंद्र और दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस
दिल्ली में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) आयुष्मान भारत का लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। एक मरीज को एक्शन बालाजी हॉस्पिटल में योजना के तहत इलाज देने से इनकार कर दिया गया और उससे पैसे भी वसूले गए। इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और अस्पताल को नोटिस जारी किया है।
विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। सत्ता परिवर्तन के बाद राष्ट्रीय राजधानी में लागू हुई प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाइ) आयुष्मान भारत योजना का जमीन स्तर पर अब भी मरीजों को लाभ नहीं मिल रहा है और इसके लिए उन्हें कानून का सहारा लेना पड़ रहा है।
आयुष्मान योजना के तहत इलाज देने से इनकार करने के ऐसे ही एक मामले में दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार के साथ ही संबंधित अस्पताल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई आठ जुलाई के लिए संबंधित रोस्टर बेंच के समक्ष सूचीबद्ध करते हुए पीठ ने हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
शालीमार बाग निवासी रमिंदर सिंह ने याचिका दायर कर आरोप लगाया कि पश्चिम विहार स्थित एक्शन बालाजी हॉस्पिटल ने उन्हें न सिर्फ योजना का लाभ देने से इनकार कर दिया, बल्कि इलाज के बीच में ही अस्पताल से बाहर निकाल दिया। याचिका के अनुसार तीमारदारों ने अस्पताल के काउंटर पर आयुष्मान कार्ड दिखाया, लेकिन इसे स्वीकार करने से मना कर दिया गया।
याचिका के अनुसार, 1.27 लाख रुपये का बिल दिया गया और धोखे से 25 हजार रुपये वसूल लिए गए। याचिका में कहा गया कि इस संबंध में मरीज की बेटी ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों और कर्मचारियों ने डिस्चार्ज पेपर के बिना ही जाने के लिए मजबूर किया।
अधिवक्ता कंवर अंशुमन सिंह के माध्यम से दायर याचिका में में योजना को समुचित तरीके से लागू करवाने का निर्देश देने के साथ ही उनसे वसूली गई रकम को वापस करने का भी अनुरोध किया गया। याचिका में कहा गया कि 10 जून को तबीयत खराब होने पर दशमेश असप्ताल में जांच कराई और वहां से उन्हें बालाजी एक्शन अस्पताल में रेफर कर दिया गया।
याचिका के अनुसार जब वे वहां पहुंचे तो उन्हें मरीज को आइसीयू पर ले जाने पर जोर दिया। उन्होंने आयुष्मान भारत कार्ड के जरिए इलाज करने की बात की, लेकिन सहायता काउंटर बंद होने का हवाला देते हुए इसकी अनुमति नहीं दी गई। हालांकि, डॉक्टरों ने आश्वासन दिया कि अभी भुगतान करने पर वे आयुष्मान भारत के सेवा केंद्र/सहायक काउंटर से पैसे वापस ले सकते हैं। हालांकि, बाद में उन्हें रुपये वापस नहीं किए गए।
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