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    DU SOL Admission 2025: हजारों छात्रों को झटका, एसओएल में नहीं होगी BA साइकोलॉजी ऑनर्स की पढ़ाई

    Updated: Mon, 23 Jun 2025 08:17 AM (IST)

    दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) में इस वर्ष से बीए साइकोलॉजी ऑनर्स की पढ़ाई बंद कर दी गई है, क्योंकि डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो (डीईबी) ने इसकी अनुमति नहीं दी। इस फैसले से हजारों छात्रों को झटका लगा है जो कम खर्च में यह कोर्स करना चाहते थे। अब उन्हें निजी विश्वविद्यालयों में जाना पड़ सकता है, जहां फीस कई गुना अधिक है, जिससे निजी संस्थानों को सीधा लाभ होगा।   

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) में इस वर्ष से बीए साइकोलॉजी ऑनर्स की पढ़ाई नहीं होगी। डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो (डीईबी) ने ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) मोड में इस कोर्स को चलाने की अनुमति नहीं दी है।

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    इस फैसले से न सिर्फ दिल्ली विश्वविद्यालय बल्कि देशभर के उन हजारों छात्रों को झटका लगा है जो साइकोलाजी जैसे लोकप्रिय कोर्स को कम खर्च में और नियमित कक्षाओं में आए बिना करना चाहते थे। इस फैसले से छात्रों में भारी निराशा है। छात्रों का कहना है कि डीयू जैसा प्रतिष्ठित संस्थान जब ओडीएल मोड में यह कोर्स नहीं चला पाएगा तो उन्हें मजबूरी में निजी विश्वविद्यालयों की शरण लेनी होगी, जहां इस कोर्स की फीस डीयू से कई गुना अधिक है।

    एसओएल में जहां इस कोर्स की सालाना फीस महज 15 हजार थी। वहीं निजी विश्वविद्यालयों में यह फीस 10 से 15 गुना तक अधिक है। शिक्षकों का मानना है कि इस फैसले से निजी विश्वविद्यालयों को सीधा लाभ होगा, जो मोटी फीस वसूलते हैं।डीयू के एसओएल में इस कोर्स की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही थी।

    पिछले दो वर्षों में करीब 1500 छात्रों ने इस कोर्स में दाखिला लिया था। यह कोर्स डीयू के नियमित कालेजों में भी दूसरा सबसे ज्यादा मांग वाला कोर्स है, लेकिन सीटें सीमित होने के कारण हजारों छात्र इससे वंचित रह जाते थे। एसओएल में यह कोर्स शुरू होने से उन्हें पढ़ाई का एक नया विकल्प मिला था, क्योंकि यहां सीटों की कोई सीमा नहीं थी और फीस भी बेहद कम थी। 2023 में इसे शुरू किया गया था।

    काउंसिल का कहना है कि साइकोलाजी में क्लिनिकल साइकोलाजी की पढ़ाई शामिल होती है, जिसे ओपन मोड में पढ़ाना संभव नहीं है। हालांकि, एसओएल का तर्क है कि उनके कोर्स में क्लिनिकल साइकोलाजी शामिल ही नहीं है। इसके बावजूद डिस्टेंस एजुकेश्न बोर्ड एसओएल में ओडीएल मोड में इस कोर्स में नए दाखिले न लें।

    निजी संस्थानों को होगा फायदा

    साइकोलाजी जैसे विषय में रुचि रखने वाले वे हजारों छात्र जो आर्थिक रूप से कमजोर तबके से आते हैं और नियमित कक्षाओं में पढ़ाई नहीं कर सकते, उनके लिए यह फैसला करारा झटका है। जहां डीयू में इस कोर्स की फीस कुछ हजार रुपये थी, वहीं अब उन्हें लाखों रुपये की फीस देने वाले निजी संस्थानों में जाना पड़ सकता है।

    हालांकि, इग्नू में साइकोलाजी में प्रवेश जारी हैं। एक विकल्प छात्रों के लिए खुला हुआ है। लेकिन, डीयू के एक पदाधिकारी ने कहा, हो सकता है आगे और डिस्टेंस संस्थानों में साइकोलाजी का कोर्स बंद हो जाए। बीएड जैसे कोर्स के साथ भी ऐसा देखने के मिल सकता है। कहीं न कहीं इससे निजी संस्थानों को ही फायदा होगा और छात्रों को नुकसान। 

    नए प्रवेश नहीं होंगे, दूसरे और तीसरे वर्ष में जाने वाले छात्रों की पढ़ाई जारी रहेगी। क्यों लगी रोक ओडीएल मोड में बीए साइकोलॉजी ऑनर्स पर रोक लगाने के पीछे एलायड हेल्थ काउंसिल आफ इंडिया के नियमों का हवाला दिया जा रहा है। 

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    प्रो. पायल मागो, एसओएल की निदेशक