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    अब यमुना नदी तक नहीं पहुंचेगा दूषित पानी, नालों की सफाई के लिए लगाई जाएंगी 32 अत्याधुनिक मशीनें

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 02:00 AM (IST)

    दिल्ली सरकार ने यमुना नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब यमुना में दूषित पानी नहीं जाएगा, क्योंकि नालों की सफाई के लिए 32 अ ...और पढ़ें

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    यमुना की सफाई के लिए लगाई जाएंगी 32 अत्याधुनिक मशीनें। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। यमुना की सफाई के लिए 32 अत्याधुनिक और उच्च क्षमता (हाई-कैपेसिटी) वाली सफाई मशीनें लगाई जाएंगी। दिल्ली सरकार ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। नालों की सफाई का मुख्य मकसद प्रदूषण के स्रोत को नालों पर ही रोका जा सके, जिससे प्रदूषण यमुना में ना सके।

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    सभी मशीनें मार्च से आपरेशनल होंगी। इस पहल का उद्देश्य बिना उपचारित कीचड़, गाद और ठोस कचरे को यमुना में जाने से रोकना है, जिसके लिए प्रमुख नालों की बड़े स्तर पर यांत्रिक सफाई की जाएगी। इस अभियान की शुरुआत नजफगढ़ ड्रेन से होगी, जिसे यमुना में प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से अन्य प्रमुख नालों और यमुना के चिन्हित हिस्सों में सफाई कार्य किया जाएगा।

    दिसंबर से शुरूआत, जनवरी तक पूरी तरह कार्यरत होंगी मशीनें

    सभी मशीनें गहराई तक कीचड़ निकालेंगी, जलकुंभी और खरपतवार हटाएंगी तथा जलभराव वाले दुर्गम क्षेत्रों की सफाई के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई हैं। इस योजना का पहला चरण दिसंबर में शुरू हो रहा है, जिसके तहत एम्फीबियस मल्टी पर्पज ड्रेजर फिनलैंड से दिसंबर के अंतिम सप्ताह में दिल्ली पहुंचेगी।

    अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नदी और वेटलैंड पुनर्जीवन में उपयोग की जाने वाली ये मशीनें जनवरी से पूरी तरह कार्यरत होंगी, जिससे यांत्रिक सफाई कार्य को तेज गति मिलेगी। जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि यमुना सफाई के लिए प्रतीकात्मक प्रयास नहीं, बल्कि निरंतर कार्रवाई की आवश्यकता है।

    मंत्री ने कहा कि यमुना में प्रदूषण वर्षों की उपेक्षा और पुराने सिस्टम का नतीजा है। हम आधुनिक, हाई-कैपेसिटी मशीनें और सख्त निगरानी लागू कर उस चक्र को तोड़ रहा है। अधिकारियों के अनुसार यह योजना राउंड द क्लाक आपरेशन, तेज सिल्ट हटाने और वैज्ञानिक निस्तारण पर आधारित है।

    एम्फीबियस मशीनें गहरे और दलदली इलाकों में भी काम करेंगी, जबकि हॉपर बार्ज सफाई सामग्री को तेजी से हटाने में मदद करेंगी। इस अभियान की शुरुआत नजफगढ़ ड्रेन से होगी, जिसे यमुना में प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से अन्य प्रमुख नालों और यमुना के चिन्हित हिस्सों में सफाई कार्य किया जाएगा।

    इस अभियान के तहत ये 32 विशेष सफाई मशीनें लाई जा रहीं:

    • 8 लांग बूम एम्फीबियस एक्स्केवेटर
    • 6 लांग बूम हाइड्रोलिक एक्स्केवेटर
    • 2 एम्फीबियस मल्टी पर्पज ड्रेजर
    • 6 सेल्फ प्रोपेल्ड, सेल्फ अनलोडिंग हापर बार्ज
    • 3 मिनी एम्फीबियस एक्स्केवेटर
    • 2 वीड हार्वेस्टर मशीनें
    • 2 व्हील्ड स्किड स्टीयर लोडर
    • 2 क्रालर मिनी हाइड्रोलिक एक्स्केवेटर
    • 1 सुपर सकर कम जेटिंग मशीन