दिव्य हुआ वसुदेव घाट, यमुना को पहली बार मिला सम्मान; दो दिवसीय भव्य उत्सव का आयोजन
दिल्ली में यमुना नदी को पहली बार यमुनोत्सव पर ऐतिहासिक सम्मान मिला। कश्मीरी गेट के वसुदेव घाट पर दो दिवसीय भव्य उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न राज्यों से लोग शामिल हुए। दिल्ली सरकार और यमुना संसद ने मिलकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया। इस उत्सव का उद्देश्य यमुना नदी को उसकी खोई हुई पवित्रता लौटाना है।

यमुना नदी को पहली बार यमुनोत्सव पर ऐतिहासिक सम्मान मिला है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दशकों से उपेक्षित और प्रदूषण का दंश झेल रही दिल्ली की जीवनदायनी यमुना नदी को पहली बार यमुनोत्सव पर ऐतिहासिक सम्मान मिला है। जिसका यमुना लंबे समय से इंतजार कर रही थी। जो आस्था और वैभव अब तक केवल वाराणसी या हरिद्वार में गंगा नदी को प्राप्त था। अब दिल्ली ने भी उस परंपरा को अपना लिया है।
दिल्ली सरकार ने यमुना संसद के साथ मिलकर कश्मीरी गेट स्थित वसुदेव घाट पर पहली बार दो दिवसीय भव्य उत्सव का आयोजन कर एक नई परंपरा की नींव रखी है। इस उत्सव का हिस्सा बनने के लिए विभिन्न राज्यों से लोग वसुदेव घाट पहुंचे।
यमुना नदी से दिल्ली वासियों की न केवल आस्था जुड़ी हुई है बल्कि वह इसकी स्वच्छता को लेकर भी काफी चिंतित रहते है। ऐसे में दिल्ली वासियों के लिए यह उत्सव मैली हो चुकी यमुना को उसकी खोई हुई पवित्रता और मां का दर्जा लौटाने के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण संकल्प है। यमुनोत्सव के अवसर पर वसुदेव घाट को बहुत भव्य तरीके से सजाया गया है।
धर्मगुरूओं द्वारा सुबह मंत्रोच्चार के साथ किया गया जलयज्ञ और शंख की ध्वनि ने जहां यमुना तट को एक अभूतपूर्व दिव्यता से प्रदान की। वहीं, शाम ढलते ही वसुदेव घाट पर जब यमुना महाआरती शुरू हुई तो हजारों श्रृद्धालु इस जगमगाहट और अलौकिक दृश्य के साक्षी बनें। इस अवसर पर दिल्ली सरकार के कला संस्कृति और पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा उपस्थित रहें।
पहले दिन यमुनोत्सव का आगाज जल यज्ञ से हुआ। जिसमें पूरी दिल्ली से आई 501 महिलाओं ने ''यमुना मइया की जयघोष के साथ कलश यात्रा निकाली। यमुनोत्री से लाए गए पवित्र जल से महादेव का जलाभिषेक किया। वैदिक मंत्रोच्चार और यमुना सहस्त्रार्चन के साथ सृष्टि, पृथ्वी, जल सूक्तों का पाठ हुआ। कथावाचक अजय भाई ने यमुना नदी की महिमा बताते हुए दिल्ली वासियों को उनकी निर्मलता और अविरलता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी याद दिलाई।
उत्सव के दूसरे दिन ''यमुना कान्क्लेव'' का आयोजन किया जाएगा। जिसमें देश के जल वैज्ञानिक यमुना नदी के शुद्धिकरण के वैज्ञानिक तरीकों पर गहन चर्चा करेंगे। यह उत्सव यमुना को उसका असली ''मां'' का दर्जा लौटाने के लिए संकल्पित होने के साथ दिल्लीवासी के लिए श्रद्धा और आस्था का केंद्र भी बनेगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।