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    दिल्ली में आधुनिक तकनीक से होगी यमुना की सफाई, 1400 करोड़ रुपये की लागत से चमकेगी नदी

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 09:15 AM (IST)

    दिल्ली में यमुना नदी को साफ करने के लिए आठ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को आधुनिक बनाया जा रहा है। इन एसटीपी से निकलने वाले पानी में बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 10 मिलीग्राम प्रति लीटर तक होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को आठ अन्य एसटीपी का उद्घाटन किया। दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि सभी पुराने एसटीपी को भी 10 मिलीग्राम प्रति लीटर बीओडी के मानक के अनुसार उन्नत किया जा रहा है।

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    दिल्ली में यमुना नदी को साफ करने के लिए आठ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को आधुनिक बनाया जा रहा है।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के आठ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के उन्नयन और क्षमता विस्तार से यमुना की सफाई में मदद मिलेगी। इन एसटीपी से उपचारित पानी की बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 10 मिलीग्राम प्रति लीटर होगी। कई अनधिकृत कॉलोनियों और गांवों में सीवर लाइनों की कमी भी नदी के प्रदूषण में योगदान दे रही है।

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    इन इलाकों में सीवर लाइन बिछाने का काम तेज किया जा रहा है। यमुना के प्रदूषण का एक बड़ा कारण इसमें गिरने वाला सीवेज है। सीवेज ट्रीटमेंट के लिए 37 एसटीपी हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर अपनी क्षमता और मानकों के मुताबिक काम नहीं करते। उन्नयन का काम चल रहा है। एनजीटी के आदेश के बाद 2015 में 18 एसटीपी के उन्नयन का प्रस्ताव तैयार किया गया था।

    यह काम दिसंबर 2017 तक पूरा होना था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है। रिठाला फेज-2, पप्पनकलां और निलोठी कउन्नयन किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को आठ अन्य एसटीपी का उद्घाटन किया। ओखला फेज-5, घिटोरनी, वसंत कुंज, यमुना विहार फेज-1, केशवपुर फेज-1 और यमुना विहार फेज-3 एसटीपी के उन्नयन कार्य को अगले साल दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है।

    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए सभी नालों का पानी एसटीपी में लाकर साफ किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक नाले का ड्रोन सर्वेक्षण किया गया है। इस कार्य के लिए दिल्ली को केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता मिल रही है।

    दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि पहले एसटीपी 30 मिलीग्राम प्रति लीटर बीओडी के मानक पर बनाए जाते थे। अब सभी 10 मिलीग्राम प्रति लीटर बीओडी के मानक पर बनाए जा रहे हैं। सभी पुराने एसटीपी को भी इसी मानक के अनुसार उन्नत किया जा रहा है।

    उन्नयन और क्षमता विस्तार कार्यों के पूरा होने के बाद आठ एसटीपी का उद्घाटन किया गया

    एसटीपी उन्नयन और क्षमता विस्तार कार्य (कुल व्यय: 1416.49 करोड़ रुपये)
    एसटीपी उन्नयन और क्षमता विस्तार व्यय (रु. करोड़)
    केशोपुर चरण 2 और 3 40 एमजीडी से 60 एमजीडी 504.12
    कोंडली चरण 4 45 एमजीडी 288.38
    रोहिणी 15 एमजीडी से 25 एमजीडी 147.06
    कोरोनेशन पिलर चरण 1 और 2 20 एमजीडी 138.38
    कोरोनेशन पिलर चरण 3 10 एमजीडी 91.79
    नरेला 10 एमजीडी से 15 एमजीडी 104.15
    यमुना विहार चरण 2 10 एमजीडी से 15 एमजीडी 78.90
    नजफगढ़ 5 एमजीडी 63.71
    कुल 215 एमजीडी तक उन्नयन और 40 एमजीडी की वृद्धि 1416.49

    पेयजल परियोजनाओं का उद्घाटन

    पेयजल परियोजनाओं का उद्घाटन (कुल व्यय: 99.1 करोड़ रुपये)
    परियोजना क्षमता व्यय (रु. करोड़)
    पल्ला भूमिगत जलाशय/बूस्टर पम्पिंग स्टेशन 3.71 करोड़ लीटर 45.95
    सिरसपुर जलाशय/बूस्टर पम्पिंग स्टेशन 1.24 करोड़ लीटर 32.65
    बिजवासन भूमिगत जलाशय/बूस्टर पम्पिंग स्टेशन 91 लाख लीटर 20.50
    कुल - 99.1

    सीवर लाइन और घरेलू सीवर कनेक्शन का शिलान्यास

    सीवर लाइन और घरेलू सीवर कनेक्शन का शिलान्यास (कुल व्यय: 301.1 करोड़ रुपये)
    परियोजना व्यय (रु. करोड़)
    करावल नगर में सीवर लाइन 69.97
    हसनपुर में सीवर लाइन 51.43
    ताजपुर खुर्द में सीवर लाइन 41.32
    यमुना विहार में अपशिष्ट पाइपलाइन 29.63
    राहौला में सीवर कनेक्शन 52.93
    गोकुलपुर में सीवर कनेक्शन 21.86
    विकासपुरी में सीवर कनेक्शन 21.17
    कमरुद्दीन नगर में सीवर कनेक्शन 12.79
    कुल 301.1