यमुना से गाद निकालने के लिए आ रही फिनलैंड की तकनीक, दिसंबर तक दिल्ली पहुंचेगी अत्याधुनिक ड्रेजिंग मशीन
यमुना नदी में जमी गाद की सफाई के लिए दिल्ली सरकार ने फिनलैंड से अत्याधुनिक ड्रेजिंग मशीन खरीदी है। यह मशीन दिसंबर तक दिल्ली पहुंचेगी और जनवरी से सफाई कार्य शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार के सहयोग से यमुना की सफाई का काम चल रहा है, जिसमें पुराने सीवरेज उपचार संयंत्रों का उन्नयन और नए संयंत्रों का निर्माण शामिल है। पहले वजीराबाद ओखला बैराज तक यमुना की सफाई होगी।

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने फिनलैंड से अत्याधुनिक ड्रेजिंग मशीन खरीदी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। यमुना की तलहटी में जमी गाद की सफाई नहीं होने से इसकी जलधारण क्षमता कम होती जा रही है। इस कारण मानसून के दिनों में दिल्ली में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। केंद्र व दिल्ली सरकार द्वारा गठित समितियों की रिपोर्ट में भी इसे लेकर चिंता जताई गई है। अब इसके समाधान की दिशा में कदम उठाया जा रहा है। इसके लिए दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने फिनलैंड से अत्याधुनिक ड्रेजिंग मशीन खरीदी है। दिसंबर तक इसके दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है।
केंद्र सरकार के सहयोग से यमुना की सफाई का काम चल रहा है। इसके लिए पुराने सीवरेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) का उन्नयन और नए के निर्माण का कार्य चल रहा है। नदी के किनारों को भी विकसित किया जा रहा है। लेकिन, नदी की तलहटी में जमी गाद की सफाई सबसे बड़ी चुनौती है। दिल्ली सरकार के पास इसके लिए अत्याधुनिक मशीन नहीं है। इसलिए फिनलैंड से मशीन खरीदने का निर्णय किया गया।
इसके लिए सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश वर्मा विभाग के अधिकारियों के साथ फिनलैंड गए हुए हैं। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर ड्रेजिंग मशीन वाटरमास्टर क्लासिक-4 की फोटो व वीडियो पोस्ट कर बताया है कि साहिबी नदी (नजफगढ़ ड्रेन) और यमुना की सफाई प्रमुख चुनौती है।
जनवरी से इस मशीन से नदी की सफाई शुरू हो जाएगी। पहले वजीराबाद ओखला बैराज तक यमुना की सफाई होगी। उसके बाद साहिबी नदी से गाद निकालने का काम किया जाएगा। इसकी उपयोगिता की समीक्षा करने के बाद आवश्यकता अनुसार और मशीन मंगाने पर विचार होगा।
मशीन की विशेषता
-यह मशीन सूखी भूमि से लेकर छह मीटर की गहराई तक काम करने में सक्षम है। इसकी कीमत लगभग आठ करोड़ रुपये है।
-इससे ड्रेजिंग, खोदाई, ठोस अपशिष्ट हटाने, जलकुंभी जैसी वनस्पति की सफाई जैसे कई कार्य आधुनिक तरीके से होती है। इसके उपयोग से अलग-अलग मशीन की आवश्यकता नहीं रह जाएगी।
-इसमें लगे हुए कटर से नदी के अंदर जमी हुई ठोस गाद को कीचड़ में बदल दिया जाता है। इसे पाइप के माध्यम से डेढ़ किलोमीटर दूर बाहर सूखी भूमि पर डाला जा सकता है।
-इसकी क्षमता छह सौ घन मीटर प्रति घंटे गाद निकालने की है।
-इसका उपयोग प्रत्येक मौसम में हो सकता है।
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