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    वर्क फ्रॉम होम के नाम पर ठगी कर खरीदता था क्रिप्टो करेंसी, एक व्यक्ति गिरफ्तार

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 11:06 PM (IST)

    शाहदरा साइबर पुलिस ने 'वर्क फ्रॉम होम' के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह के सदस्य सुखप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है। वह पीड़ितों से ठगी करके क्रिप्टो करेंसी खरीदता था और उसे बेचकर मुनाफा कमाता था। पुलिस ने उसके पास से मोबाइल फोन, सिम कार्ड और एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। पूछताछ में उसने नकली निवेश सलाहकार बनकर लोगों को ठगने की बात भी कबूल की है। पुलिस उसके साथियों की तलाश कर रही है।

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    शाहदरा साइबर पुलिस ने 'वर्क फ्रॉम होम' के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह के सदस्य सुखप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है। 

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। शाहदरा साइबर पुलिस स्टेशन ने वर्क-फ्रॉम-होम स्कीम की आड़ में धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान सुखप्रीत सिंह (25) के रूप में हुई है, जो जगरांव, लुधियाना, पंजाब का रहने वाला है।

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    वह कमाए हुए पैसों से क्रिप्टो करेंसी खरीदता था और फिर उसे ऊँची कीमत पर बेचकर पेट्रोल पंपों पर एटीएम कार्ड स्वाइप करके पैसे निकाल लेता था। जाँच के दौरान, पुलिस ने तीन मोबाइल फोन, छह सिम कार्ड और 12 एटीएम कार्ड बरामद किए।

    शाहदरा ज़िले के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि पीड़िता, विश्वकर्मा नगर निवासी संगम यादव ने इंस्टाग्राम पर वर्क-फ्रॉम-होम सेवाओं का एक विज्ञापन देखा। विज्ञापन पर क्लिक करने के बाद, वह "आरवी" नामक एक टेलीग्राम ग्रुप में शामिल हो गया, जिसके एडमिन ने खुद को वीमर्स कंपनी का कर्मचारी बताया।

    शुरुआत में, उसने कुछ रेटिंग टास्क दिए, जिसके लिए उसे ₹150 प्रति टास्क दिए गए। इससे संगम का विश्वास जीत लिया गया। फिर उसे बड़े टास्क दिए गए, जिसके लिए उसे ₹55,100 जमा करने को कहा गया। जब संगम ने यह रकम निकालने की कोशिश की, तो उससे और पैसे जमा करने को कहा गया।

    इससे उसे लगा कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। उसकी शिकायत के बाद, पुलिस ने बैंक और डिजिटल ट्रेस की जाँच की। पता चला कि लुधियाना के एक पेट्रोल पंप पर ₹29,500 बदले गए थे।

    मोबाइल लोकेशन और सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) की जाँच के बाद, सुखप्रीत सिंह को लुधियाना के जगराओं से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने ठगी की रकम से टेलीग्राम ग्रुप के ज़रिए ₹94 से ₹98 में क्रिप्टोकरेंसी खरीदी और उसे ₹105 में बेच दिया। फिर वह पेट्रोल पंपों पर एटीएम कार्ड स्वाइप करके पैसे निकाल लेता था।

    आरोपी ने यह भी खुलासा किया कि वह टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर नकली निवेश सलाहकार बनकर लोगों को ठगता था। जब लोग निवेश करते थे, तो वह झूठे मुनाफे के स्क्रीनशॉट दिखाता था।

    निवेश हो जाने के बाद, आरोपी पीड़ितों से और पैसे की माँग करता था। पुलिस उसके बाकी साथियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि उसके गिरोह ने अब तक कितने लोगों को ठगा है।