Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    SIR पर छिड़े सियासी घमासान के बीच विहिप आगे बढ़ाएगी NRC की मांग, संतों की बैठक में होगा बड़ा मंथन

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 06:00 AM (IST)

    विहिप (विश्व हिंदू परिषद) SIR पर चल रहे विवाद के बीच NRC (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) की मांग को और आगे बढ़ाएगी। इस विषय पर गहन विचार-विमर्श के लिए दिल् ...और पढ़ें

    Hero Image

    NRC की मांग आगे बढ़ाने जा रही VHP।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर देशभर में मचे राजनीतिक घमासान के बीच विहिप राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की मांग को आगे बढ़ाने जा रही है, जिसे लेकर देशभर के संतों की बैठक में विशेष चर्चा होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संभव है कि देश भर के प्रबुद्ध संतों की अगुआई में बैठक में उससे संबंधित प्रस्ताव लाकर केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाया जाए। विहिप में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक नौ व 10 दिसंबर को दिल्ली में है, जिसमें एनआरसी की मांग पर मंथन विशेष है।

    मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण पर भी होगी चर्चा 

    इसी तरह, सीमावर्ती राज्यों के जिलों में जनसंख्या असंतुलन, मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति अभियान को गति देने समेत अन्य मुद्दों पर भी विमर्श तय है। यह बैठक पंजाबी बाग स्थित बाबा नत्था सिंह वाटिका में होगी, जिसमें देशभर से 400 से अधिक संत समाज के प्रबुद्ध लोग शामिल होंगे।

    एसआइआर को लेकर देशभर में राजनीतिक उबाल जारी है। चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया पर विपक्षी दलों द्वारा सवाल उठाते हुए उसे उनके मतदाताओें पर निशाना साधने वाला बता रहे हैं। तृणमूल समेत कई दलों द्वारा एसआइआर को एनआरसी लागू करने की दिशा में पहला कदम बताया जा रहा है।

    घुसपैठियों का घर बना देश

    इस बीच, विहिप ने भी देश की सुरक्षा व अखंडता का हवाला देते हुए कमर कस लिया है। उसने एनआरसी की मांग को आगे बढ़ाने की तैयारी की है। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि, देश घुसपैठियों का घर बन चुका है, जो देश में षडयंत्र व जनसांख्यिकी बदलाव का कारण बन रहे हैं।

    इसी तरह, बैठक में देशभर में मुस्लिमों को गुमराह कर भड़काने तथा देश का माहौल खराब करने जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी तथा इस संबंध में भी रणनीति बनाई जाएगी। केन्द्र एवं राज्यों में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक (कानून) की अनिवार्य आवश्यकता तथा नशा की भयावह बढ़ती प्रवृत्ति से बिगड़ते हिंदू युवाओं को लेकर भी अभियान तय किया जाएगा।