आज से गुलजार होगा 'जश्न ए रेख्ता', उर्दू शायरी के जश्न में डूबेगी दिल्ली
'रस टपकता है तेरे होठों से, तू तो उर्दू ज़बान लगती है।' जी हां, आज शाम से तीन दिन तक उर्दू शायरी का महोत्सव जश्न-ए-रेख्ता का आयोजन शुरू होने जा रहा है। दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में उर्दू महोत्सव 'जश्न-ए-रेख्ता' का आयोजन यहां आज से शुरूो होगा,
नई दिल्ली। 'रस टपकता है तेरे होठों से, तू तो उर्दू ज़बान लगती है।' जी हां, कुछ इसी अहसास के साथ आज शाम से तीन दिन तक उर्दू शायरी का महोत्सव जश्न-ए-रेख्ता का आयोजन शुरू होने जा रहा है। दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में उर्दू महोत्सव 'जश्न-ए-रेख्ता' का आयोजन यहां आज से शुरूो होगा, जो 14 फरवरी तक चलेगा।
पिछले साल की भारी सफलता के बाद इस साल 'जश्न-ए-रेख्ता' कार्यक्रम की तैयारियां बड़े पैमाने पर की जा रही है। इस कार्यक्रम में 20,000 से ज्यादा दर्शकों के आने की संभावना है, इसलिए बड़े समारोह स्थल का चयन किया गया है।
पिछले साल इस कार्यक्रम का आयोजन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में दर्शक जुटे थे। यह देखते हुए इस बार इस कार्यक्रम का आयोजन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में किया जा रहा है। यहां पर काफी जगह है।
यही वजह है कि कार्यक्रम की अवधि भी दो दिन से बढ़ाकर तीन दिन कर दी गई है। इस कार्यक्रम का आयोजन रेख्ता फाउंडेशन करता है, जिसके पास दुनिया का सबसे बड़ा उर्दू कविताओं का ऑनलाइन संग्रह है।
कार्यक्रम की शुरुआत में आज मशहूर साबरी बंधु अपनी कव्वालियों का प्रस्तुतीकरण करेंगे। इसके अलावा कार्यक्रम का प्रमुख आर्कषण उर्दू के प्रमुख लेखक इस्मत चुगताई और राजेंद्र सिंह बेदी के जन्म शताब्दी उत्सव का आयोजन भी होगा।
वहीं, आधुनिक उर्दू शायरी के आधारस्तंभ माने जाने वाले अख्तर उल इमान की भी जन्म शताब्दी का आयोजन किया जाएगा।
इस बार जश्न-ए- रेख़्ता में गुलज़ार, जावेद अख़्तर, महेश भट्ट, शबाना आज़मी, नंदिता दास, मुन्नवर राणा सहित देश-विदेश के नामचीन शायर और लेखक हिस्सा लेंगे। किताबों का विमोचन होगा और अलग-अलग विषय पर चर्चा की जाएगी।
इसके साथ ही इस बार मुगल खानों के साथ-साथ हैदराबादी और कश्मीरी खानों का भी आनंद उठाया जा सकता है। बच्चों के लिए भी इस बार काफी कुछ खास होगा।
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