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    परीक्षा केंद्र पर देर से पहुंचा तो नहीं मिला प्रवेश, दी जान

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 04 Jun 2018 07:53 PM (IST)

    फोटो 601 -यूपीएससी का अंतिम प्रयास बचा था -पहाड़गंज में अपने सेंटर के बजाए दूसरे सेंटर पर च

    परीक्षा केंद्र पर देर से पहुंचा तो नहीं मिला प्रवेश, दी जान

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

    बदलते समय के साथ छात्र-छात्राओं में करियर को लेकर भी दबाव बढ़ रहा है। यही वजह है कि परीक्षा में कम नंबर आने व परीक्षा न देने से आहत होकर छात्र-छात्राओं द्वारा खुदकशी करने के मामले सामने आ रहे हैं। ओल्ड राजेंद्र नगर में रहकर यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र वरुण सुभाष चंद्रन ने परीक्षा न दे पाने से आहत होकर घर में पंखे से लटककर खुदकशी कर ली। रविवार को हुई यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में वह पहाड़गंज में पहले गलत सेंटर पर पहुंच गया। वहां से फिर अपने सेंटर पर पहुंचने में देर हो गई। जिससे उसे परीक्षा सेंटर में प्रवेश नहीं दिया गया।

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    एडिशनल डीसीपी उत्तरी जिला एंटो अल्फांसो के मुताबिक वरुण के शव का राम मनोहर लोहिया अस्पताल में पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया गया। 27 वर्षीय वरुण चंद्रन मूलरूप से कर्नाटक के उत्तराखंड के रहने वाले थे। उनके पिता सुभाष चंद्रन वैज्ञानिक रह चुके हैं। राजेंद्र नगर थाना पुलिस को दिए बयान में वरुण के दोस्तों के मुताबिक वह पढ़ने में मेहनती और मेधावी थे। वह पहले चार बार यूपीएससी की परीक्षा दे चुके थे, लेकिन सफल नहीं हुए। इसबार उनका अंतिम प्रयास था। करीब एक साल पहले वह दिल्ली आए थे और ओल्ड राजेंद नगर के 10/ 10 में भूतल पर किराये पर रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। दिल्ली से ही उन्होंने कोचिंग भी ली थी।

    रविवार को यूपीएससी की परीक्षा के लिए उनका सेंटर पहाड़गंज स्थित गवर्नमेंट सर्वोदय बाल विद्यालय में पड़ा था। अपने सेंटर पर जाने के बजाय वह पौने 9 बजे पहाड़गंज स्थित एक अन्य सेंटर कसेरू वाला में पहुंच गए। वहां उन्हें बताया गया कि वह गलत सेंटर पर आ गए हैं और उनका सेंटर सर्वोदय बाल विद्यालय में है। तब वह दोबारा अपना सेंटर ढूंढते हुए 9.24 बजे सर्वोदय बाल विद्यालय पहुंचे तो उन्हें यह कहते हुए अंदर प्रवेश करने से मना कर दिया गया कि काफी देर हो चुकी है। उन्होंने सेंटर के गेट पर मौजूद पुलिसकर्मियों व सेंटर सुप¨रटेंडेंट से काफी विनती की। उन्हें यह भी बताया कि यह उनका अंतिम प्रयास है, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। परेशान होकर रोते हुए वह घर आ गए। सुसाइड नोट लिखने के बाद अंदर से कमरे का दरवाजा बंद कर खुदकशी कर ली।

    परीक्षा खत्म होने के बाद परिजनों ने जब वरुण को फोन करना शुरू किया तो उनका फोन नहीं उठा। इसपर परिजनों का शक गहरा गया। उन्होंने दिल्ली में रह रही वरुण की महिला दोस्त को फोन कर उसके बारे में जानने की कोशिश की। युवती का फोन भी नहीं उठाने पर वह वरुण के बारे में पता करने शाम को उसके घर आ गई। अंदर से दरवाजा बंद होने व नहीं खोलने पर जब उन्होंने खिड़की से झांककर देखा तो वरुण का शरीर पंखे से लटका हुआ था। युवती ने तुरंत मकान मालिक और फिर पुलिस को 5.50 बजे सूचना दी। दरवाजा तोड़ अंदर जाने पर एक सुसाइड नोट मिला। नोट में वरुण ने लिखा है कि मौत के लिए वह खुद जिम्मेदार हैं। किसी को दोषी न ठहराया जाए। उन्होंने यह भी लिखा कि यूपीएससी की परीक्षा के लिए सेंटर पर पहुंचने के लिए नियम ठीक है। नियम सख्त तो होना चाहिए..लेकिन इतने भी नहीं जिससे किसी का करियर खराब हो जाए। अच्छे काम के लिए थोड़ी ढिलाई होनी चाहिए।

    केवल चार मिनट की हुई थी देरी

    परीक्षा शुरू होने का समय सुबह 9.30 था। यूपीएससी के नियम के मुताबिक परीक्षा शुरू होने से 10 मिनट पहले यानी 9.20 तक अभ्यर्थियों को हरहाल में परीक्षा सेंटर पर अपने कमरे में पहुंच जाने का होता है। वरुण सुभाष चंद्रन मात्र 4 मिनट की देरी से सेंटर के गेट पर पहुंचे थे।