Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    'सरकारी बंगले से जबरन निकाला...', कांग्रेस नेता उदित राज का दावा- जाति के आधार पर बनाया निशाना

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 10:44 PM (IST)

    कांग्रेस नेता उदित राज ने आरोप लगाया कि अदालत में मामला विचाराधीन होने के बावजूद उन्हें दिल्ली के सरकारी बंगले से जबरन निकाला गया। उन्होंने इसे दलितों की आवाज उठाने की सजा बताया। आवास मंत्रालय के अनुसार, उनकी पत्नी सीमा राज स्वीकृत अवधि से अधिक समय तक रहीं और उन पर 21 लाख से अधिक का बकाया है। उदित राज ने इस मामले को पार्टी नेतृत्व के समक्ष उठाने की बात कही है।

    Hero Image

    नई दिल्ली के पंडारा पार्क स्थित बंगले से जबरन निकालने का आरोप लगाया।

     

    नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि मामला अदालत में विचाराधीन होने के बावजूद अधिकारियों ने उनके परिवार को नई दिल्ली के पंडारा पार्क स्थित बंगले से जबरन निकाल दिया।

    उन्होंने कहा, यह दलितों और गरीबों की आवाज बनने की सजा है। हालांकि, केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, उदित राज की पत्नी, सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी सीमा राज, स्वीकृत अवधि से पांच महीने अधिक समय तक रुकी रहीं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन पर 21 लाख रुपये से अधिक का बकाया है। सीमा राज को यह बंगला आवंटित किया गया था, लेकिन वह पिछले साल 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गईं। उन्हें 31 मई तक मकान में रहने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, वह स्वीकृत अवधि से पांच महीने अधिक समय तक उस बंगले में रहीं।

    सूत्रों ने बताया कि सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम के तहत बेदखली की कार्यवाही शुरू करने के लिए उनका मामला 12 जून को मुकदमा अनुभाग को भेज दिया गया था। उनके खिलाफ पांच अगस्त को बेदखली का आदेश पारित किया गया था और 11 अगस्त को इसकी तामील की गई। इसके बावजूद उन्होंने परिसर खाली नहीं किया।

    उन पर लगभग 21,45,703 रुपये का बकाया है। राज के खिलाफ बेदखली आदेश को अदालत में चुनौती दी गई है। इससे पहले उदित राज ने दावा किया था कि 28 अक्टूबर को अदालत में सुनवाई होने के बावजूद अधिकारियों ने उनका सामान जबरन बंगले से बाहर फेंक दिया।

    उन्होंने कहा, मैंने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। पूर्व सांसद ने कहा कि वह इस मामले को अपने पार्टी नेतृत्व के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने 'एक्स' पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, मेरे घर का सामान सड़क पर फेंका जा रहा है।

    सीमा राज ने कहा कि उन्होंने दूसरा स्थान ढूंढ़ने के लिए नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत तक का समय मांगा था। उन्होंने कहा, सेवानिवृत्त अधिकारी बिना किसी परेशानी के छह महीने तक सरकारी आवास में रह सकता है।

    इसके बाद, मैंने संपदा निदेशालय से मेरे आवास की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया, क्योंकि मेरे पिता गंभीर रूप से बीमार थे। हाल ही में उनका निधन हो गया। सेवानिवृत्त अधिकारी ने आरोप लगाया कि कुछ ही दिन बाद सुनवाई निर्धारित होने के बावजूद बेदखली का नोटिस जारी कर दिया गया।

    वे अदालत की छुट्टी के दौरान हमें बेदखल करने आए थे ताकि हम अदालत में जाकर कानूनी सहायता न ले सकें।कांग्रेस में शामिल होने से पहले 2014 से 2019 तक भाजपा सांसद के रूप में लोकसभा में उत्तर पश्चिमी दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने वाले उदित राज ने कहा कि वह जल्द ही 'घर खाली करने के बारे में सोच रहे थे', लेकिन अधिकारियों द्वारा दिखाई गई 'जल्दबाजी' सवाल खड़े करती है।

    यह भी पढ़ें- बिहार के मतदाताओं को साधने में जुटी दिल्ली भाजपा, छठ पूजा के बहाने भावनात्मक जुड़ाव बनाने का प्रयास