दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सिगरेट तस्करी का भंडाफोड़, 66000 से ज्यादा सिगरेट के साथ 2 आरोपी गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की प्रतिबंधित सिगरेट बेचने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 66,400 सिगरेट बरामद की गई हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 12 लाख रुपये है। ये सिगरेट डनहिल और डेविड ऑफ गोल्ड ब्रांड की हैं, जिन्हें कंबोडिया से तस्करी करके लाया गया था। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है।
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। देश में अंतरराष्ट्रीय बांड की सिगरेट बेचने पर प्रतिबंध है। ऐसे में बिना निर्दिष्ट चित्रात्मक चेतावनी लेबल के अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की सिगरेट बेचने के आरोप में क्राइम ब्रांच ने दो आरोपित को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 66,400 सिगरेट बरामद की गई है। ये सिगरेट डनहिल और डेविड आफ गोल्ड है। इन प्रतिबंधित सिगरेटों की कीमत पुलिस ने 12 लाख रुपये होने का दावा किया है।
डीसीपी हर्ष इंदौरा के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम प्रवीण सहगल, पानीपत व मुकेश खटरेजा, मुखर्जी नगर है। प्रवीण सहगल सातवीं कक्षा तक पढ़ाई की है। उसने कुछ साल पहले कंबोडिया से प्रतिबंधित सिगरेट की तस्करी शुरू की थी। वहीं मुकेश खटरेजा बारहवीं पास है। उसने भी कंबोडिया से प्रतिबंधित सिगरेट की तस्करी शुरू की थी। इनके कब्जे से 332 'डंडे' (प्रत्येक में प्रतिबंधित सिगरेट के 10 पैकेट) बरामद किए गए, जिनमें अंतरराष्ट्रीय ब्रांड डनहिल, डेविड आफ गोल्ड की कुल 66,400 प्रतिबंधित सिगरेट थीं।
25 अक्टूबर को एसीपी भगवती प्रसाद व इंस्पेक्टर गुलशन यादव के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की टीम ने प्रवीण और मुकेश नामक दो आरोपित को भारी मात्रा में तस्करी की गई प्रतिबंधित सिगरेट के साथ गिरफ्तार किया। एसआई चेतन और हवलदार प्रशांत को बिना आवश्यक चित्रात्मक चेतावनियों वाली सिगरेटों के अवैध व्यापार में संलिप्त व्यक्तियों के बारे में सूचना मिली थी।
इस सूचना करने पर पता चला कि प्रहलादपुर, पालम फ्लाईओवर के पास, खुदरा बाजारों में वितरण के लिए ऐसी सिगरेटों की एक बड़ी मात्रा पहुंचाई जानी है। इंस्पेक्टर गुलशन यादव के नेतृत्व में पुलिस टीम ने प्रहलादपुर, पालम फ्लाइओवर के पास से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास कंबोडिया से तस्करी करके लाई गई प्रतिबंधित विदेशी सिगरेट की भारी मात्रा थी। जांच से पता चला कि सिगरेट के पैकेटों में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अनिवार्य वैधानिक स्वास्थ्य चेतावनी अंकित नहीं थी।

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