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    PHOTOS: दाल बाटी से मालाबार बिरयानी तक... एक प्लेट में पूरा भारत, ट्रेड फेयर में खाने से हो रही देश की यात्रा!

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 09:14 PM (IST)

    इस बार ट्रेड फेयर में फूड कोर्ट सबसे ज्यादा लोकप्रिय है, जहां भारत के विभिन्न राज्यों के असली स्वाद मिल रहे हैं। यहां राजस्थान की दाल बाटी से लेकर बंगाल के रसगुल्ले तक उपलब्ध हैं। हालांकि, व्यंजनों की ऊंची कीमतें लोगों को निराश कर रही हैं। फूड कोर्ट में 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की झलक दिखाई देती है।

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    भारत मंडपम में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में जायकों का आनंद लेते लोग। हरीश कुमार

    शशि ठाकुर, नई दिल्ली। इस बार ट्रेड फेयर में सबसे ज्यादा भीड़ फूड कोर्ट में आ रही है। वजह साफ है कि यहां भारत के सभी राज्यों का असली स्वाद परोसा जा रहा है। फूड कोर्ट में कदम रखते ही, हर तरफ से आती अलग-अलग डिशेज की खुशबू सबको अपनी ओर खींच रही है।

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    कहीं राजस्थान की दाल बाटी की खुशबू, तो कहीं सत्तू पराठे की खुशबू लोगों को खींच रही है। लोग बंगाल के रसगुल्लों की मिठास का मजा ले रहे हैं। हालांकि, डिशेज की ज्यादा कीमतें भी स्वाद को कम कर रही हैं। इसे लेकर मेला ऑर्गनाइजर ITPO पर भी सवाल उठ रहे हैं।

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    भारत मंडपम में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में राजस्थानी फूड स्टाल। जागरण

    फ़ूड कोर्ट को देखकर ऐसा लगता है जैसे एक भारत, श्रेष्ठ भारत की झलक डाइनिंग टेबल पर आ गई हो। शाहदरा की प्रभजोत कहती हैं कि उन्होंने गुजरात का ढोकला, पंजाब का अमृतसरी कुलचा, गोवा की स्वीट क्वीन बेबिनका, कश्मीर का रोगन जोश और साउथ इंडियन डिश जैसे डोसा और इडली का स्वाद चखा है।

    वहीं, गुरुग्राम की जोया अख्तर और स्वरा राठी कहती हैं कि सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहां का स्वाद बिल्कुल उनके अपने राज्यों जैसा है। वे हर साल यहां अलग-अलग राज्यों के खाने का स्वाद चखने आती हैं। हाल ही में उन्होंने केरल की तवा फिश, फाई चिकन और मालाबार बिरयानी खाई।

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    बिहार के व्यंजनों का लुत्फ लेने पहुंच रहे मेला दर्शक। जागरण

    फास्ट फूड के इस दौर में अगर स्वाद और सेहत का मेल मिल जाए, तो यह वाकई कमाल की बात है। मेले में मखाने के बीजों से बनी डिश काफी पॉपुलर हैं। उत्तम नगर के लक्ष्य ने कहा कि उन्होंने न सिर्फ बिहार की पारंपरिक डिश लिट्टी चोखा का स्वाद चखा, बल्कि मखाने के बीजों से बनी खीर, हलवा, रबड़ी, कुल्फी और इडली डोसा जैसी कई डिश भी चखीं।

    मयूर विहार के दीपक कहते हैं कि यहां आकर ऐसा लगता है जैसे खाने के ज़रिए पूरे भारत की सैर कर ली हो। वह अपने बच्चों को खास तौर पर अलग-अलग राज्यों का खाना चखने के लिए यहां लाए हैं, ताकि वे भारतीय खाने का असली स्वाद महसूस कर सकें।

    ऊंची कीमतें स्वाद पर असर डाल रही हैं। विज़िटर अलग-अलग राज्यों की ज़्यादा से ज़्यादा डिशेज़ चखना चाहते हैं, लेकिन बहुत ज़्यादा कीमतें स्वाद को फीका कर रही हैं। लिट्टी चोखा यहां 150 रुपये का है, जबकि बाज़ार में यह 80 से 100 रुपये में मिलता है। वहीं, सोया चाप 300 रुपये का है, जो लगभग 15 से 20 परसेंट महंगा है।