बोझिल है कुंडली-मानेसर-पलवल और कुंडली-गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेस वे पर वाहन चालकों का सफर, जानिए क्या है कारण?
तीन साल बाद भी जन सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाई हैं। पेट्रोल पंप टायर-पंक्चर शौचालय पीने के पानी सहित वाहन मरम्मत का कोई इंतजाम नहीं है। इन दोनों एक्सप्रेस वे पर एक बार सफर शुरू होने पर 135 किलोमीटर की दूरी के बाद ही जनसुविधाएं उपलब्ध हो पाती हैं।

नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) और केजीपी (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) एक्सप्रेस वे पर वाहन चालकों के लिए तीन साल बाद भी जन सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाई हैं। पेट्रोल पंप, टायर-पंक्चर, शौचालय, पीने के पानी सहित वाहन मरम्मत का कोई इंतजाम नहीं है। इन दोनों एक्सप्रेस वे पर एक बार सफर शुरू होने पर 135 किलोमीटर की दूरी के बाद ही जनसुविधाएं उपलब्ध हो पाती हैं। दोनों एक्सप्रेस वे प्रमुख शहरों से कनेक्ट हैं मगर इनमें किस शहर में कहां और कितनी दूरी पर क्या जनसुविधा मिलेगी, इसकी जानकारी एक्सप्रेस वे पर नहीं है। इससे वाहन चालकों के लिए 135 किलोमीटर लंबा सफर बोझिल हो जाता है।
सफर में औसतन डेढ़ घंटे लगते हैं। हालांकि 2018 में केजीपी के शुभारंभ मौके पर कहा गया था कि यहां चार पेट्रोप, दो सीएनजी पंप लगेंगे। ढाबे और गेस्ट हाउस भी खुलेंगे। टायरों में नाइट्रोजन भरवाने की सलाह तो राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने इसलिए भी दी थी कि दोनों एक्सप्रेस वे सीमेंट-कंकरीट के बने हैं। टायरों में प्रेशर से भरी हवा के टायरों की इन सड़कों चलने से फटने की संभावना बन जाती है। इन एक्सप्रेस वे पर कार, जीप की स्पीड लिमिट 120 किलोमीटर प्रति घंटा है मगर यहां गाड़ी 80-90 की स्पीड पर ही चलाई जाए तो बेहतर है।
सफर की शुरूआत से ही अव्यवस्था
केएमपी और केजीपी के लिए दो जगह पलवल व सोनीपत के पास कुंडली में जंक्शन हैं। इन दोनों जगह भारी वाहनों का जमावड़ा इतना अधिक होने लगा है कि अन्य वाहन चालक जाम के चलते परेशान हो जाते हैं। भारी वाहनों के यहां रुकने के पीछे का कारण यह है कि इन जंक्शन पर ही जनसुविधाएं उपलब्ध हैं। इसलिए एक्सप्रेस वे का सफर शुरू या खत्म करते समय भारी वाहन इन जंक्शन पर जरूर रुकते हैं। जंक्शन के आसपास पेट्रोल पंप पर भी भारी वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है। दोनों एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा के नाम पर गश्त वाहन और एंबुलेंस की सुविधा है। 1033 हेल्पलाइन नंबर पर काल करने पर आपातकाल में इनकी सुविधा आधे घंटे में मिलती है क्योंकि इन्हें टोल बैरियर से पहुंचने इतना समय अवश्य लगता है।
पहुंच से दूर हैं एक्सप्रेस-वे
हमने केजीपी तैयार करने वाले छह ठेकेदारों पर 150 करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाया है। फिलहाल ये ठेकेदार जहां सड़क बनाने में तकनीकी खामियां थीं, वहां दोबारा से सड़क बना रहे हैं। सड़क मरम्मत पूरी होने पर तीन माह लगेंगे। यह मार्ग तब 120 की स्पीड पर भी सुगम होगा। केजीपी पर 16 और कनेक्ट शहरों के लिए छह शौचालय बनवा दिए हैं। पांच नए बनेंगे। ये एक माह ही शुरू हो जाएंगे। पेट्रोल पंप कनेक्ट शहरों में चार जगह चल रहे हैं। 10 लोगों को ढाबे खोलने की अनुमति प्रदान की है, ये दो माह में शुरू कर देंगे।
-मुदित गर्ग, डायेरक्टर, केजीपी प्रोजेक्ट , एनएचएआइ
वाहन चालकों को केजीपी, केएमपी के दोनों तरफ ही जनसुविधाएं उपलब्ध कराने का ही लाभ मिलेगा। बीच में किसी अन्य शहर में जाकर जनसुविधा का लाभ लेने से वाहन चालक को टोल भी दोगुना देना होगा और समय की भी बर्बादी होगी।
-देवेंद्र सिंह, समन्वयक, रोड सेफ्टी आर्गेनाइजेशन
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