आतंकी शौकत उगलेगा अहम राज,कोर्ट ने दी पॉलीग्राफी टेस्ट को हरी झंडी
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) आज लश्कर-ए-तैयबा के संदिग्ध आतंकी शौकत अली भट (36) का पॉलीग्राफ टेस्ट कराएगी। एक दिन पहले ही अदालत ने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (सीएफएसएल) में पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की मंजूरी दे दी थी।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) आज लश्कर-ए-तैयबा के संदिग्ध आतंकी शौकत अली भट (36) का पॉलीग्राफ टेस्ट कराएगी। एक दिन पहले ही अदालत ने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (सीएफएसएल) में पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की मंजूरी दे दी थी।
अब सच उगलेगा लश्कर आतंकी शौकत, होगा पॉलीग्राफी टेस्ट
शौकत को एक दिन पहले पटियाला हाउस कोर्ट के जिला जज अमरनाथ के समक्ष पेश किया गया। मामले की सुनवाई कैमरे के सामने हुई। सुनवाई के दौरान मीडिया सहित अन्य के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। जानकारी के अनुसार एनआइए ने अदालत को बताया कि भट बार-बार बयान बदल रहा है।
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उसका पॉलीग्राफ टेस्ट कराना बेहद जरूरी है। आरोपी को भी आपत्ति नहीं है। टेस्ट से जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की साजिश का पता चल पाएगा। अदालत को बताया गया कि इजाजत मिलने पर लोदी रोड स्थित सीजीओ कांप्लेक्स में सीबीआइ व सीएफएसएल के अधिकारियों की देखरेख में पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाएगा। इस पर अदालत ने स्वीकृति दे दी।
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इससे पहले एनआइए ने अदालत को बताया कि पाकिस्तान निवासी मोहम्मद नावेद से पूछताछ में ऊधमपुर हमले के बड़े नेटवर्क का पता चला था। नावेद के साथ हमला करने वालों, शरण व आर्थिक मदद करने वालों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी।
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पूछताछ के दौरान पता चला कि शौकत ने नावेद और उसके तीन अन्य साथियों को कश्मीर के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश के बाद एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की व्यवस्था की थी। उसी ने सभी को पनाह दी। मूल रूप से पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) निवासी शौकत को एक सितंबर को एनआइए ने नावेद की निशानदेही पर गिरफ्तार किया था।
जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर में पांच अगस्त को बीएसएफ जवानों की बस पर दो पाकिस्तानी आतंकियों ने हमला किया था। घटना में दो जवान शहीद हो गए थे। जवाबी हमले में आतंकी मोहम्मद नोमान को मार गिराया गया था। दूसरे आतंकी मोहम्मद नावेद को स्थानीय लोगों की मदद से दबोच लिया गया था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे एनआइए को सौंप दिया था। शौकत, नावेद और नोमान सहित दो अन्य पाकिस्तानी आतंकियों जहर्गम उर्फ मोहम्मद भाई और अबु ओकसा को अंतरराष्ट्रीय सीमा से अपने घर लाया था।