यातायात, प्रदूषण और रोजगार हैं मुख्य चुनावी मुद्दे
लोकसभा चुनाव के ठीक पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी सर्वे रिपोर्ट के अनुसार यातायात जाम जल व वायु प्रदूषण और रोजगार के बेहतर अवसर ये तीन प्रमुख मुद्दे हैं जिनपर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है। इसी तरह से महिला सशक्तिकरण एवं सुरक्षा को लेकर सरकार के काम से दिल्ली के लोग खुश नहीं हैं। हालांकि सड़कों दशा और सार्वजनिक परिवहन को लेकर सरकार के प्रयास को दिल्लीवासियों ने औसत से बेहतर बताया। वहीं दिल्ली देहात के लोगों का मानना है कि सरकार ने कृषि उत्पादों के लिए अधिक मूल्य उपलब्ध कराने रोजगार के बेहतर अवसर और कृषि के लिए बिजली उपलब्ध कराने पर ध्यान नहीं दिया है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के ठीक पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी सर्वे रिपोर्ट के अनुसार यातायात जाम, जल व वायु प्रदूषण और रोजगार के बेहतर अवसर ये तीन प्रमुख मुद्दे हैं जिनपर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है। इसी तरह से महिला सशक्तीकरण एवं सुरक्षा को लेकर सरकार के काम से दिल्ली के लोग खुश नहीं हैं। हालांकि, सड़कों की दशा और सार्वजनिक परिवहन को लेकर सरकार के प्रयास को दिल्लीवासियों ने औसत से बेहतर बताया। वहीं, दिल्ली देहात के लोगों का मानना है कि सरकार ने कृषि उत्पादों के लिए अधिक मूल्य उपलब्ध कराने, रोजगार के बेहतर अवसर और कृषि के लिए बिजली उपलब्ध कराने पर ध्यान नहीं दिया है।
एडीआर ने मतदाताओं के मुद्दे, इसे लेकर सरकार का प्रदर्शन और मतदान को प्रभावित करने वाले कारकों पर अपनी सर्वे रिपोर्ट जारी की है। पिछले वर्ष अक्टूबर से दिसंबर के बीच किए गए इस सर्वे में दिल्ली के सभी सातों संसदीय क्षेत्रों में 35 सौ लोगों को शामिल किया गया है। मतदान का निर्णय खुद लेते हैं दिल्लीवासी
दिल्ली के 84 फीसद मतदाता अपने मताधिकार को लेकर स्वयं निर्णय लेते हैं। वह खुद तय करते हैं कि किस प्रत्याशी को उन्हें वोट देना है। शेष लोग अपने परिवार या अन्य लोगों के सुझाव पर किसी प्रत्याशी को वोट देने का फैसला करते हैं। इस सर्वे में प्रधानमंत्री के बजाय मुख्यमंत्री उम्मीदवार को आधार बनाकर लोगों से प्रश्न पूछे गए हैं। सबसे ज्यादा लोगों का कहना है कि उनके लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। उसके बाद लोग मतदान करते समय प्रत्याशी को और सबसे कम पार्टी को महत्व देते हैं। पसंद नहीं आपराधिक पृष्ठभूमि वाले जनप्रतिनिधि
दिल्ली के मतदाता न सिर्फ मतदान का निर्णय खुद लेते हैं, बल्कि वह अपने जनप्रतिनिधि चुनने को लेकर बेहद सजग भी हैं। यहां के 94 फीसद मतदाता यह मानते हैं कि वोट के लिए नकद व उपहार वितरण अवैध है। इसी तरह से 97 फीसद लोग नहीं चाहते हैं कि आपराधिक रिकार्ड वाला कोई व्यक्ति उनका जनप्रतिनिधि बने। हालांकि, एक चौथाई से कुछ ज्यादा मतदाता ही प्रत्याशियों के आपराधिक रिकार्ड की जानकारी प्राप्त करने की बात कही है। जबकि 37 फीसद मतदाता ऐसे प्रत्याशियों के आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी नहीं होने के कारण उन्हें अपना समर्थन दे देते हैं। कई लोग चुनाव प्रचार, जाति व धर्म के आधार पर ऐसे लोगों को अपना समर्थन दे देते हैं। दिल्ली के शहरी इलाके के प्रमुख मुद्दे
समस्या-मुद्दा मानने वालों की संख्या
यातायात जाम-50 फीसद
पानी व वायु प्रदूषण-45 फीसद
रोजगार के बेहतर अवसर-43 फीसद
महिला सशक्तीकरण व सुरक्षा-41 फीसद
सड़कें-35 फीसद
ध्वनि प्रदूषण-35 फीसद
सार्वजनिक परिवहन-29 फीसद
कूड़ा निस्तारण-27 फीसद
पेयजल-27 फीसद
कानून व्यवस्था व पुलिस-26 फीसद

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