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    बिजली उपभोक्ताओं से चार की जगह अब सात वर्ष में वसूली जाएगी बकाया धनराशि, सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 11:18 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए बकाया राशि वसूली की अवधि बढ़ा दी है। अब बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं से बकाया धनराशि चार साल की बजाय सात साल में वसूल कर सकेंगी। यह फैसला उपभोक्ताओं को वित्तीय राहत प्रदान करेगा, जिससे उन्हें बकाया चुकाने के लिए अधिक समय मिलेगा।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की 31,502 करोड़ रुपये की नियामक परिसंपत्ति के भुगतान को लेकर उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, अब यह राशि उनसे चार की जगह सात वर्षों में वसूली जाएगी।

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    बिजली वितरण कंपनियों बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल), राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीएल) को बकाया नियामक संपत्ति दिया जाना है।

    बिजली नेटवर्क पर होने वाले खर्च को डिस्कॉम नियामक परिसंपत्ति के रूप में दावा करती है। इसे लेकर पिछले कई वर्षों से विवाद चल रहा है। डिस्कॉम नियामक परिसंपत्ति के भुगतान के लिए सुप्रीम कोर्ट चली गई थी।

    छह अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उनके हक में निर्णय़ सुनाया था। उसने एक अप्रैल, 2024 से चार वर्षों के अंदर बकाया नियामक परिसंपत्ति का भुगतान करने का आदेश दिया था।

    डीईआरसी ने उपभोक्ताओं के हित में सुप्रीम कोर्ट से अपने निर्णय में संशोधन कर भुगतान की अवधि चार वर्ष से बढ़ाकर सात वर्ष करने की मांग की थी। इसे स्वीकार कर लिया गया।

    बिजली अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के अगस्त के निर्णय में बदलाव नहीं होता तो उपभोक्ताओं के बिजली बिल में 80 प्रतिशत तक वृद्धि होती, क्योंकि भुगतान के लिए दिए गए चार वर्षों में से लगभग डेढ़ निकल गए थे। ढाई वर्षों में ही भुगतान करना पड़ता। अब भी 30 से 40 प्रतिशत तक बिजली महंगी हो सकती है।

    "पूर्व की आम आदमी पार्टी की सरकार की नाकामी के कारण डिस्कॉम की नियामक संपत्ति बढ़कर 31 हजार करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गई। उपभोक्ताओं के हित में पूर्व सरकार ने कानूनी लड़ाई भी सही तरह से नहीं लड़ी। अगस्त में सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने पर उपभोक्ताओं के हित में अपील की गई। मजबूती के साथ पक्ष रखा गया। सुप्रीम कोर्ट ने उपभोक्ताओं के हित में निर्णय दिया है। उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिए विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण में भी अपील की गई है।"

    -आशीष सूद (दिल्ली के ऊर्जा मंत्री)

    बिजली वितरण कंपनियों का बकाया नियामक परिसंपत्ति

    बिजली वितरण कंपनी बकाया राशि (करोड़ रुपये में)

    बीआरपीएल 

    15,512 
    बीवाईपीएल- करोड़ रुपये 10,338
    टीपीडीडीएल-करोड़ रुपये 5,652 
    कुल बकाया धनराशि 31,502

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