पार्षद को कीचड़ में घसीटा और डीसी की गाड़ी रोकी, दिल्ली के सुल्तानपुरी में क्यों हुआ बवाल?
सुल्तानपुरी में निवासियों का गुस्सा फूट पड़ा, जिसके चलते उन्होंने स्थानीय पार्षद को कीचड़ में घसीटा और डीसी की गाड़ी को रोका। यह घटना क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं के प्रति लोगों के गहरे असंतोष को दर्शाती है। निवासियों का यह आक्रोश क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर था।
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सुल्तानपुरी डी-ब्लाक की टूटी सड़क पर जमा सीवर के गंदे पानी के बीच से गुजरते स्कूली बच्चे। जागरण
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। सुल्तानपुरी के वार्ड 44 में इंस्पेक्शन के लिए पहुंचे रोहिणी जोन के डिप्टी कमिश्नर और अधिकारियों के काफिले को वहां के लोगों ने रोक लिया और इलाके में फैली गंदगी और कीचड़ पर नाराजगी जताई। सफाई न होने से नाराज लोगों ने अपने ही पार्षद को कीचड़ में घसीटने की कोशिश की। इससे देखते ही देखते तनाव की स्थिति बन गई। हंगामा बढ़ता देख अधिकारी लोगों से मिले बिना ही चले गए।
बुधवार दोपहर 12 बजे रोहिणी जोन की डिप्टी कमिश्नर ऋषिता गुप्ता अधिकारियों के साथ सुल्तानपुरी गईं। इलाके के पार्कों का इंस्पेक्शन करने के बाद प्रशासनिक अमला सुल्तानपुरी के D-7 ब्लॉक के बीच वाली सड़क पर पहुंचा। इसी बीच, आम आदमी पार्टी के स्थानीय पार्षद दौलत पवार भी पहुंच गए। वहां के लोगों ने गंदगी पर गुस्सा जाहिर करते हुए डिप्टी कमिश्नर की गाड़ी रोक दी।
सफाई न होने की शिकायत करते हुए लोगों ने पार्षद को जबरदस्ती गंदगी और कीचड़ में घसीटा। गुस्साए लोगों ने पार्षद को गंदगी से भरी सड़क पर चलने के लिए मजबूर किया। पार्षद ने किसी तरह खुद को छुड़ाया। लोगों ने डिप्टी कमिश्नर की गाड़ी रोकने की कोशिश की, लेकिन कोई अधिकारी नहीं रुका। वे लोगों से मिले बिना ही चले गए।
वॉटर बोर्ड की लापरवाही से लोग परेशान हैं। GRAP लागू होने की वजह से काम रुका हुआ है। DC के लोगों के बीच फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद वह मौके पर गईं और लोगों को समझाया और समस्या का जल्द समाधान करने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि लोगों का गुस्सा और शिकायतें जायज हैं।
-दौलत पवार, स्थानीय नगर पार्षद
...इसलिए फूटा लोगों का गुस्सा
रोहिणी जोन के डिप्टी कमिश्नर की गाड़ी रोकने और अपने पार्षद को कीचड़ में चलने पर मजबूर करने वाले स्थानीय निवासी एक महीने से सीवर ओवरफ्लो और जलभराव से परेशान हैं। सुल्तानपुरी के D-7 ब्लॉक में गुरुद्वारे से गीता विद्यालय तक करीब 300 मीटर तक सड़क थी।
इस टूटी सड़क पर सीवर का गंदा पानी भरा हुआ था। इसके अलावा, सीवर से निकाला गया कचरा गंदे पानी के साथ सड़क पर पड़ा था। इस बीच, स्कूली बच्चे और कई लोग गंदे पानी से गुजरते दिखे। गंदे पानी से आने वाली बदबू और मच्छरों के पनपने से बीमारियां फैल रही हैं।
लोगों ने बताया कि सुबह 6 बजे से 10 बजे के बीच हालत सबसे खराब होती है। पूरी सड़क सीवेज के गंदे पानी से भरी होती है, जिससे लोगों का निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है। करीब एक महीने पहले सड़क बनाने के लिए सड़क तोड़ी गई थी, लेकिन उसकी मरम्मत नहीं हुई है।
करीब तीन-चार साल से D-7 और D-6 ब्लॉक में गंदा पानी बह रहा है। सड़क बनाने के कारण कई सीवर के ढक्कन टूट गए थे, जिससे बच्चे उनमें गिर रहे हैं। ढक्कन बदलने की बार-बार शिकायत करने के बाद कुछ दिन पहले ही नए ढक्कन लगाए गए हैं। सफाई के नाम पर यहां के कर्मचारी सिर्फ फॉर्मैलिटी करके चले जाते हैं।
सुबह के समय सड़क इतनी गंदी होती है कि लोग गुरुद्वारे नहीं आ सकते। बच्चे स्कूल नहीं जा सकते। पूरी सड़क सीवेज से भरी होती है। सड़क टूटने से पहले ऐसी हालत नहीं थी। जगदंबा मार्केट की तरफ वाली सड़क तो बन गई है, लेकिन यहां की सड़क ठीक नहीं हो रही है।
- हरदयाल सिंह, ग्रंथी
छठ पूजा के समय सड़क की हालत खराब होने की वजह से कई बच्चे गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। एक महीने पहले भी एक बच्चा घायल हो गया था। इसलिए, लोगों ने इस रास्ते के बजाय दूसरे रास्तों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। गलियों में खेलने वाले बच्चों के लिए हमेशा एक्सीडेंट का डर बना रहता है।
- मीना कौरगंदे पानी की सप्लाई की वजह से हमें पीने के लिए दूसरे ब्लॉक से मटके में पानी लाना पड़ता है। गंदे पानी की वजह से मेरा पूरा परिवार बीमार है, और मोहल्ले के लोग पेट और स्किन की बीमारियों से परेशान हैं। सड़क टूटने के बाद पानी और भी गंदा हो गया है।
- नीतू
यहां कोई कचरा उठाने वाली गाड़ी नहीं आती है। सीवर की सफाई कभी-कभी होती है, लेकिन कचरा सड़क पर ही छोड़ दिया जाता है, जो लंबे समय तक वहीं रहता है। सफाई कर्मचारी आते ही नहीं हैं, जिससे यहां गंदगी रहती है। जिससे बीमारियां फैल रही हैं।
- सीमा कौर, रहने वाली

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