सड़कों पर वर्षो से बंद है स्ट्रीट लाइट, बढ़ रही वारदात
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : क्षेत्र में कई मुख्य सड़कों व फ्लाईओवर पर स्ट्रीट लाइटें ल
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : क्षेत्र में कई मुख्य सड़कों व फ्लाईओवर पर स्ट्रीट लाइटें लंबे अरसे से बंद पड़ी हैं। इसके कारण सड़कों पर अंधेरा रहता है। इन्हें ठीक कराने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। द्वारका सेक्टर एक, मंगलापुरी, द्वारका फ्लाईओवर व पंखा रोड पर रोशनी को लेकर कोई प्रबंध नहीं है। ऐसे में अंधेरे की आड़ में अपराधी लूट, छेड़छाड़, नशा व सट्टे जैसी वारदात को अंजाम देते हैं, जो सुरक्षा के लिहाज से काफी असुरक्षित है। आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि जो रोजाना क्षेत्र में गश्त करने का दावा करते हैं उन्हें भी बंद पड़ी इन स्ट्रीट की जानकारी नहीं है, ऐसे में अधिकारियों से आशा करना सही नहीं है।
मंगलापुरी :
मंगलापुरी सब्जी मंडी की तरफ जाने वाली मुख्य सड़क पर एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं जलने के कारण सड़क पर अंधेरा रहता है। यहां से रोजाना दिल्ली के अलग-अलग कोने के लिए बस निकलती है। यह सड़क पालम गांव, महावीर एंक्लेव, द्वारका सेक्टर एक व मंगलापुरी को आपस में जोड़ने का काम करती है। अंधेरे की आड़ में यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। ऐसे में इस सड़क से पैदल गुजरना विशेषकर महिलाओं के लिए खतरे से खाली नहीं है। यह स्थिति एक दो दिन से नहीं, बल्कि कई महीनों से बनी हुई है। सड़क किनारे निजी वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है। ऐसे में आपराधिक घटनाओं की संभावना अधिक बढ़ जाती है। यहां फुटपाथ पर कई साल से झुग्गी बनी हुई है। सड़क के एक तरफ मेट्रो स्टेशन तो दूसरी तरफ डिस्पेंसरी है। दूसरी मुख्य बात यह है कि सड़क पर लाइट नहीं होने के कारण दो दिशाओं से आ रहे वाहनों की हेडलाइट की रोशनी चालक की आंख पर पड़ती है जिससे सड़क दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।
द्वारका सेक्टर एक :
द्वारका सेक्टर एक फ्लाईओवर की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। सड़क किनारे अस्पताल व पेट्रोल पंप हैं, लेकिन सड़क पर रोशनी की व्यवस्था नहीं है। यहां बिजली के खंभों में स्विच बॉक्स खुले हैं, जो दुर्घटना को दावत देते नजर आते हैं। यहां नजारा स्थानीय विधायक भावना गौड़ के कार्यालय के सामने वाली सड़क का है। इसके बावजूद समस्या के समाधान के लिए कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यहां फुटपाथ पर कुछ बेघर लोगों ने कब्जा कर लिया। ऐसे में यह से गुजरते समय डर लगा रहता है कि कब कौन पीछे से आकर आपराधिक घटना को अंजाम देकर फरार हो जाए। आपराधिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए पुलिस की ओर से भी कई बार इस दिशा में संबंधित विभाग को लिखा है, लेकिन समस्या जस की तस है।
पंखा रोड :
पंखा रोड पर भी कई स्ट्रीट लाइटें कई दिनों से खराब पड़ी हैं। इसके चलते सड़क पर रोशनी कम रहती है। वहीं फुटपाथ और सर्विस लेन में घोर अंधेरा रहता है। ऐसे में वहां सरेआम आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है।
अंधेरे में गुम बस शेल्टर
सड़कों व गलियों में रोशनी को लेकर खासा ध्यान रखा जाता है, लेकिन कई बस शेल्टरों पर आज भी रोशनी के उचित प्रबंध नहीं है। सी-1 जनकपुरी, सी-2 जनकपुरी, जीवन पार्क व मंगलापुरी आदि इसके कई उदाहरण हैं। सड़क की हल्की रोशनी ही यहां एकमात्र सहारा है। लोग अंधेरे में खड़े होकर बस का इंतजार कर रहे हैं। रात के अंधेरे में गुम इन बस स्टैंडों पर खड़े होकर बस का इंतजार करना विशेषकर महिलाओं के लिए खतरे से खाली नहीं है। कई जगह तो बस शेल्टर नहीं है, केवल एक छोटा सा बोर्ड लगा दिया गया। रात के अंधेरे में ये छोटे बोर्ड आंखों से ओझल हो जाते हैं।
द्वारका फ्लाईओवर का जिक्र करें तो
सेक्टर एक, महावीर एंक्लेव व पालम की तरफ से इस फ्लाईओवर पर चढ़ सकते हैं, लेकिन तीनों ही जगह पर रोशनी को लेकर कोई इंतजाम नहीं है। सेक्टर एक वाली तरफ बिजली के खंभे हैं, लेकिन लाइट कई साल से खराब पड़ी है। अंधेरे में गुम फ्लाईओवर पर हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ऐसे में घुमावदार मोड़ पर पसरे अंधेरे के चलते फ्लाईओवर से नीचे गिरने का खतरा बना रहता है और कई बार लोग हादसे में घायल भी हो चुके हैं।