‘घर की छोटी हरकतें बड़ी वारदात बन जाती हैं’, सोनीपत की साइको किलर पूनम के मामले पर मनोविशेषज्ञों की सख्त चेतावनी
सोनीपत की साइको किलर पूनम के मामले के बाद मनोविशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि घर में होने वाली छोटी हरकतें बड़ी वारदात में बदल सकती हैं। उन्होंने परिवार ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर।
अनूप कुमार सिंह, नई दिल्ली। सोनीपत में सामने आए पूनम प्रकरण को मनोविशेषज्ञ समाज के लिए गंभीर चेतावनी बता रहे हैं। उनका कहना है कि इस मामले में अभी यह कहना है जल्दबाजी है कि पूनम का ऐसा करना उसकी अपराधिक प्रवृत्ति है या फिर कोई मनोविकार।
यह पता तो मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सकों का मेडिकल बोर्ड ही लगाएगा लेकिन इस घटना ने इस बात के खतरे को अवश्य उजागर किया है कि घर के भीतर किसी सदस्य के असामान्य व्यवहार को हल्के में लेना, हंसी में उड़ा देना या पारिवारिक तकरार समझना भविष्य में इस तरह की भयावह घटनाओं का कारण अवश्य बन सकता है।
इहबास के पूर्व निदेशक मनोचिकित्सक डा. निमेष जी देसाई बताते हैं कि समाज में अब भी मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समझ और संवेदनशीलता की भारी कमी है। लोग शुरुआती संकेतों को न तो पहचानते हैं और न ही उन्हें गंभीरता से लेते हैं। परिणामस्वरूप कई मामलों में वही व्यवहार आगे चलकर गंभीर मनोविकार का रूप ले लेता है।
डाॅ. देसाई का कहना है कि घर में कोई बच्चा, किशोर, जवान या अधेड़ उम्र का व्यक्ति बार-बार असामान्य हरकतें करे, बेवजह गुस्सा, अत्यधिक चिड़चिड़ापन, हिंसक प्रतिक्रिया, बच्चों और पशु-पक्षियों को नुकसान पहुंचाना, अचानक बहुत शांत या बहुत अलग-थलग पड़ जाना, तो इसे गलती, बदमाशी या सुधार कह-समझ कर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह संकेत हो सकता है उसके मानसिक स्वास्थ्य की बिगड़ती स्थिति का और यह वही चूक है जो देश के हजारों घरों में रोज होती है।
इस संदर्भ में डाॅ. देसाई की स्पष्ट सलाह है कि समय पर काउंसलर, मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक से सलाह लेने में शर्म या झिझक न करें। एक छोटा-सा परीक्षण कई बार बड़ी अनहोनी को रोक सकता है।
वे कहते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य किसी भी परिवार की सुरक्षा, शांति और भविष्य से जुड़ा विषय है, इसलिए हर माता-पिता, दादा-दादी, भाई-बहन और जीवनसाथी की जिम्मेदारी है कि परिवार में किसी के व्यवहार में बदलाव दिखे, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें। घर के भीतर छोटी हरकतों को हल्के में न लें, क्योंकि यही छोटी हरकतें या व्यवहार आगे चलकर जिंदगी में बड़ी त्रासदी भी बन सकता है।

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