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    नागरिकता से पहले मतदाता सूची में नाम कैसे? 1980 वोटर लिस्ट विवाद में सोनिया गांधी को कोर्ट का नोटिस

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 07:05 AM (IST)

    कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का नाम भारतीय नागरिकता मिलने से पहले दिल्ली की मतदाता सूची में दर्ज होने के आरोप लगे हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांध ...और पढ़ें

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    अदालत ने चुनाव मतदाता सूची मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी सो मांगा जवाब।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में किए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) पर कांग्रेस पार्टी समेत विपक्ष के नेताओं द्वारा लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं।

    इस बीच, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य सोनिया गांधी का नाम भारतीय नागरिकता मिलने से पूर्व ही दिल्ली की मतदाता सूची में दर्ज होने के आरोप लगाते हुए मामले की जांच करवाने और उनपर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है।

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    राउज एवेन्यू के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत ने इस संबंध में दाखिल याचिका पर सोनिया और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दायर याचिका में कहा गया है कि सोनिया को वर्ष 1983 में भारतीय नागरिकता हासिल हुई थी, लेकिन उससे तीन वर्ष पहले ही उनका नाम नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में दर्ज कर दिया गया था।

    1980 में मतदाता सूची में था नाम

    अदालत में यह याचिका विगत शुक्रवार को सेंट्रल दिल्ली कोर्ट बार एसोसिएशन (राउज एवेन्यू) के उपाध्यक्ष अधिवक्ता विकास त्रिपाठी ने दाखिल की थी। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान त्रिपाठी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पवन नारंग ने दावा किया कि जनवरी 1980 में सोनिया गांधी का नाम नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता के रूप में जोड़ा गया था, जबकि उस समय वह भारतीय नागरिक नहीं थीं।

    ये दर्शाता है कि पहली बार नाम जोड़ने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया गया होगा। उन्होंने इसमें फर्जीवाड़ा करने और चुनाव आयोग को धोखा देने का आरोप लगाया। याचिका में यह भी दलील दी गई कि यह मामला संज्ञेय अपराध का बनता है और आइपीसी की धाराओं 420, 467 और 468 में प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए।

    दस्तावेजों की भी हो जांच

    त्रिपाठी ने कहा कि ये जांच भी की जानी चाहिए कि उस दौरान मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए सोनिया गांधी ने कौन से दस्तावेज लगाए थे। इसपर, अदालत ने सोनिया और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और अगली सुनवाई छह जनवरी 2026 को तय की है।