7 साल की बेटी को पाने के लिए कानूनी जंग लड़ रही एक सेक्स वर्कर
ति की मृत्यु के बाद जीवनयापन के लिए 'वह' मजबूरी में देह व्यापार को तैयार तो हो गई, पर इस दलदल में वह अपनी बेटी को नहीं डालना चाहती है। वह हर कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार है, जिससे उसकी बेटी उसे मिल जाए।
नई दिल्ली। पति की मृत्यु के बाद जीवनयापन के लिए 'वह' मजबूरी में देह व्यापार को तैयार तो हो गई, पर इस दलदल में वह अपनी बेटी को नहीं डालना चाहती है। वह हर कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार है, जिससे उसकी बेटी उसे मिल जाए।
दिल्ली के जीबी रोड के एक कोठे पर रहने वाली सेक्स वर्कर अपनी सात साल की बेटी को पाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है। यह दास्तान आंध्र प्रदेश की रहने वाली 30 वर्षीय फिजा (बदला हुआ नाम) की है।
आर्थिक तंगी ने धकेला जिस्मफरोशी के दलदल में
पति की मौत के बाद फिजा को आर्थिक परेशानी पेश आई, तो उसके परिचित अमरूद ने उसे दिल्ली में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। सात साल पहले जब वह दिल्ली आई तो गर्भवती थी और पांच साल की एक और बेटी थी।
भाई-बहन ने फिजा को कोठे पर बेच दिया
पहले तो अमरूद ने उको अपनी बहन शारदा के पास रखवा दिया। कुछ महीने बाद भाई-बहन ने साजिश रचकर फिजा को कोठा नंबर 71 में बेच दिया। वहां रहने के दौरान उसने गिरधारी लाल अस्पताल में दूसरी बेटी को जन्म दिया।
इसके बाद कोठा मालकिन ने फिजा से देह व्यापार कराना शुरू कर दिया। वह कोठे में रहकर दोनों बेटियों का पालन पोषण भी कर रही थी।1 बेटियों की देखरेख में समय देने के कारण कोठा मालकिन ने फिजा से कहा कि वह छोटी बेटी के पालन-पोषण की जिम्मेदारी कोठे में रहने वाली उम्रदराज शारदा (मालकिन की सहयोगी) को दे दे।
इसके लिए उसे प्रति माह 5000 रुपये देने होंगे। मजबूरी में फिजा तैयार हो गई। वह कई साल तक शारदा को हर महीने 5000 रुपये देती रही। कुछ साल से शारदा फिजा की छोटी बेटी को लेकर कोठा नंबर 69 में रहने लगी। वह फिजा को बेटी से मिलने नहीं देती है।
बेटी को फिजा से कर दिया दूर
फिजा ने शारदा के सामने हाथ-पैर जोड़कर कई बार बेटी से मिलवाने की गुहार लगाई, पर उसने मिलने नहीं दिया। थक हार कर फिजा ने दिल्ली महिला आयोग से संपर्क किया। आयोग ने 17 अक्टूबर को कमला मार्केट थाने में शारदा व अमरूद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस ने बच्ची को बरामद कर शारदा को हिरासत में लेकर मंगलवार को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के पास पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कमेटी ने बच्ची का पालन पोषण करने वाली शारदा को ही कस्टडी दे दी।यहां से राहत न मिलने पर फिजा ने बुधवार को तीस हजारी कोर्ट में अर्जी दायर बेटी को सौंपने की गुहार लगाई।
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