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Delhi Riots: दंगे के पांच आरोपितों पर हत्या समेत कई आरोप तय, कोर्ट ने कहा दंगाई कर रहे थे सांप्रदायिक नारेबाजी

कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगे से जुड़े हत्या के मामले में पांच लोगों पर आरोप तय किए हैं। आरोपित इमरान उर्फ चीरा आसिफ मोहम्मद शहजाद मोहम्मद शारिक और मोहम्मद इमरान के खिलाफ हत्या करने दो समुदायों के धार्मिक भावना भड़काने समेत कई आरोप तय किए हैं।

By Ashish GuptaEdited By: Sonu GuptaPublished: Sun, 25 Sep 2022 11:01 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 11:01 PM (IST)
दंगे के पांच आरोपितों पर हत्या समेत कई आरोप तय। (फाइल फोटो)

आशीष गुप्ता, पूर्वी दिल्ली। कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगे से जुड़े हत्या के मामले में पांच लोगों पर आरोप तय किए हैं। आरोपित इमरान उर्फ चीरा, आसिफ, मोहम्मद शहजाद, मोहम्मद शारिक और मोहम्मद इमरान के खिलाफ हत्या करने, दंगे करने, गैर कानूनी समूह में समान मंशा से शामिल होने, दो समुदायों के धार्मिक भावना भड़काने समेत कई आरोप तय किए हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट ने आदेश में कहा कि गवाहों के बयान से प्रतीत होता है कि सभी आरोपित दंगाई भीड़ में शामिल थे। सांप्रदायिक नारेबाजी कर रहे थे। ‘काफिरो को मारो..’ चिल्लाते हुए वहां से गुजर रहे हर हिंदू पर हमला कर रहे थे।

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दंगाइयों ने चाकुओं से गोद कर की थी हत्या

उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे के दौरान वेलकम थाना क्षेत्र के मुख्य मौजपुर रोड पर दंगाइयों ने 40 वर्षीय प्रेम सिंह की चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने एक मुख्य और दो पूरक आरोपपत्र दायर किए। इनमें इमरान उर्फ चीरा, आसिफ, मोहम्मद शहजाद, मोहम्मद शारिक और मोहम्मद इमरान को आरोपित बनाया गया था।

हिंदुओं लोगों को पीछे हथियार लेकर भाग रहे थे दंगाइ

जांच के दौरान इस घटना में घायल हुए एक व्यक्ति ने आरोपितों को पहचाना था। साथ बयान दिया था कि इमरान के हाथ में तमंचा और आसिफ के पास चाकू था। अन्य गवाहों ने बाकी तीन आरोपितों को पहचाना। इन गवाहों ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि दंगाई सांप्रदायिक नारेबाजी करने के साथ काफिरों को मारने की बात कहते हुए हिंदुओं लोगों को पीछे हथियार लेकर भाग रहे थे। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोप तय कर दिए। बचाव पक्ष की प्राथमिकी में आरोपितों के नाम न होने की दलील को कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह जांच का शुरुआती बिंदु होती है। प्राथमिकी घटना का पूर्ण कोश नहीं होती।

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