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    Nikki Yadav Murder Case: साहिल के पास था निक्की का शव ठिकाने लगाने का प्लान, दिल्ली पुलिस को नहीं लगती भनक

    Nikki Yadav Murder Case निक्की यादव हत्याकांड मामले में दिल्ली पुलिस की पूछताछ में हत्यारोपित साहिल गहलोत ने कई खुलासे किए हैं। पुलिस के मुताबिक साहिल ने निक्की का शव ठिकाने लगाने का पूरा प्लान तैयार कर रखा था।

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 21 Feb 2023 11:49 AM (IST)
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    Delhi: साहिल ने साजिश के तहत फ्रिज में छिपाया था निक्की का शव

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। झज्जर की रहने वाली 24 वर्षीय निक्की यादव हत्याकांड मामले (Nikki Yadav Murder Case) में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को एक और नई जानकारी मिली है। ताजा जानकारी के मुताबिक, हत्यारोपित साहिल गहलोत ने साजिश के तहत निक्की का शव अपने ढाबे में रखे फ्रिज में छिपाया था। 

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    दरअसल निक्की का शव फ्रिज में रखने के पीछे साहिल का मकसद यह था कि शादी के कुछ दिन बाद माहौल शांत होने पर उसका शव मित्राऊं गांव के पास नाले में फेंक दिया जाता। जहां से पुलिस को शव ढूंढ पाना मुश्किल होता।

    हत्या के मामले में पहले भी गिरफ्तार हो चुका है साहिल का पिता

    पुलिस का कहना है कि इस मामले में विस्तृत सुबूत जुटा लिए गए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, साहिल गहलोत का पिता वीरेंद्र गहलोत 25 वर्ष पहले भी हत्या के एक अन्य मामले में गिरफ्तार हो चुका था। उक्त मामले में सजा पाने के बाद वीरेंद्र द्वारा सजा के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील करने पर उसे बरी कर दिया गया।

    साहिल की पुलिस रिमांड 2 दिन और बढ़ी

    सोमवार को सभी छह आरोपित साहिल गहलोत, वीरेंद्र गहलोत, नवीन गहलोत, अमर गहलोत, आशीष गहलोत व लोकेश के रिमांड की अवधि खत्म हो जाने पर क्राइम ब्रांच ने उन्हें द्वारका कोर्ट में पेश कर साहिल को छोड़ सभी को तिहाड़ जेल भेज दिया। वहीं साहिल का ग्रेटर नोएडा स्थित आर्य समाज मंदिर के पुजारी के साथ आमना सामना कराने के लिए दो दिन और पुलिस रिमांड पर ले लिया गया है।

    वीरेंद्र का अपने भाईयों से हुआ था झगड़ा

    क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त रवींद्र सिंह यादव का कहना है कि 21 जून 1997 को मित्राऊं गांव में ही वीरेंद्र का अपने भाईयों से झगड़ा हो गया था। चचेरा भाई विनोद कुमार जो पेशे से ट्रक चालक था। वीरेंद्र द्वारा शराब के लिए उससे पैसे मांगने पर झगड़ा हो गया था। वीरेंद्र ने कुछ लोगों के साथ मिलकर विनोद व अन्य पर चाकू व लोहे की रॉड से वार कर घायल कर दिया था। दोनों तरफ से कई लोगों को चोटें आइ थी।

    विनोद की शिकायत पर पुलिस ने हत्या के प्रयास आदि कई धाराओं के तहत वीरेंद्र व अन्य पर केस दर्ज कर लिया था। बाद में अस्पताल में उपचार के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। उक्त मामले में वीरेंद्र समेत कई आरोपितों को निचली अदालत से सजा भी मिली थी। सजा के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील करने पर कई वर्ष पूर्व वीरेंद्र को बरी कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि वीरेंद्र के खिलाफ उक्त मामले के अलावा कोई अन्य आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है।