सफदरजंग अस्पताल ने लगी दिव्यांग मरीजों के बनाए उत्पादों की प्रर्दशनी, आम लोग कर सकेंगे खरीदारी
सफदरजंग अस्पताल में दिव्यांग मरीजों द्वारा बनाए गए उत्पादों की चार दिवसीय प्रदर्शनी शुरू हुई। इस प्रदर्शनी में वस्त्र, हस्तनिर्मित सामान और सजावटी उत्पाद शामिल हैं। निदेशक डॉ. संदीप बंसल ने कहा कि पीएमआर विभाग मरीजों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रहा है। डॉ. चारु बंबा ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण मरीजों का आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। प्रदर्शनी में 50 से अधिक मरीजों के उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं।
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वीएमएमसी के दिव्यांग मरीजों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की चार दिवसीय प्रदर्शनी एवं बिक्री मेले का अवलोकन करते चिकित्सक व अन्य।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वर्धमान महावीर मेडिकल कालेज (वीएमएमसी) एवं सफदरजंग अस्पताल के फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (पीएमआर) विभाग में वोकेशनल गाइडेंस सेक्शन ने पुनर्वास प्रबंधन प्राप्त कर रहे दिव्यांग मरीजों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की चार दिवसीय प्रदर्शनी एवं बिक्री मेले का मंगलवार को शुरुआत की गई।
इस प्रदर्शनी में दिव्यांग मरीजों द्वारा बनाए गए उपयोगी वस्त्र, हस्तनिर्मित सामान और सजावटी उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। मेले का उद्घाटन अस्पताल के निदेशक डा. संदीप बंसल ने किया। उन्होंने कहा कि पीएमआर विभाग केवल शारीरिक उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मरीजों को कौशल, गरिमा और आत्मनिर्भरता के साथ समाज में सक्षम रूप से शामिल करने की दिशा में कार्य करता है। कहा कि यह आयोजन संस्थान की समग्र पुनर्वास प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. चारु बंबा ने कहा कि इस प्रकार के व्यावहारिक व समावेशी प्रशिक्षण माड्यूल मरीजों का आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और उन्हें समाज में फिर से सक्रिय रूप से शामिल होने में मदद करते हैं।
वीएमएमसी की प्रिंसिपल डा. गीतिका खन्ना ने इसे मरीजों के संपूर्ण पुनर्वास की दिशा में प्रभावी पहल बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे मंच मरीजों में आत्मविश्वास और कार्यात्मक कौशल विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पीएमआर विभागाध्यक्ष डॉ. अजय गुप्ता ने मरीजों की रचनात्मकता और दृढ़ता की सराहना की।
उन्होंने कहा कि हमारे मरीज केवल चिकित्सा के प्राप्तकर्ता नहीं, बल्कि कुशल रचनाकार बन रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन वोकेशनल गाइडेंस सेक्शन की प्रभारी डा. सुमन बधाल ने किया। उन्होंने बताया कि 50 से अधिक मरीजों के बनाए उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं, जो उनके आत्मविश्वास और आर्थिक संभावनाओं को बढ़ावा देने का माध्यम हैं। यह प्रदर्शनी अस्पताल कर्मियों, आगंतुकों और आम जनता के लिए खुली है।

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