कॉलेज में छात्रों की सभी समस्याओं का समाधान करेगा 'साथी', अब छात्र खुलकर रख सकेंगे अपनी बात
दिल्ली के शहीद भगत सिंह कॉलेज में छात्रों की मदद के लिए 'साथी' नामक एक पहल शुरू की गई है। इसका उद्देश्य छात्रों के मानसिक तनाव और अन्य समस्याओं का समाधान करना है। 'साथी' छात्रों के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देगा, साथ ही छात्राओं से जुड़े मुद्दों पर विशेष ध्यान देगा। कॉलेज का लक्ष्य एक तनाव-मुक्त परिसर बनाना है जहां छात्र खुलकर अपनी बात रख सकें।

दिल्ली के शहीद भगत सिंह कॉलेज में छात्रों की मदद के लिए 'साथी' नामक एक पहल शुरू की गई है।
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। बिगड़ते रिश्तों का तनाव हो, पढ़ाई का बोझ हो या किसी और वजह से बढ़ता मानसिक दबाव, कॉलेज परिसर में "साथी" छात्रों की हर समस्या को समझेंगे और उसके समाधान के लिए उचित कदम उठाएंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह कॉलेज में छात्रों की चिंताओं को दूर करने के लिए यह पहल शुरू की गई है। इसका उद्देश्य छात्रों के बीच विश्वास और संवेदनशीलता का माहौल बनाना है, जहाँ वे खुलकर अपनी बात कह सकें और खुद को अलग-थलग महसूस न करें।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस, 10 अक्टूबर को कॉलेज के छात्र संघ और कल्याण समिति ने "साथी - द स्टूडेंट वेलफेयर कलेक्टिव" की शुरुआत की। संवाद और सहयोग को बेहतर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई यह पहल परिसर में सच्चे दोस्त की तरह काम करेगी। ये छात्र छात्रों के बीच रहेंगे, न केवल उनकी समस्याओं को सुनेंगे बल्कि उनके समाधान में भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। अक्सर कुछ युवा अपनी समस्याओं को लेकर आगे नहीं आ पाते। इसका उद्देश्य "साथी" को उनका प्रतिनिधि बनाना है।
छात्राओं के तनाव और समस्याओं पर ध्यान
साथी अभियान के तहत स्वयंसेवकों की एक टीम बनाई गई है। इस टीम के सदस्यों को अलग-अलग ज़िम्मेदारियाँ सौंपी जाएँगी। छात्राओं से जुड़े मुद्दों, मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, वे खेल, सामाजिक गतिविधियों, कॉलेज के बुनियादी ढाँचे और छात्र सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी ध्यान देंगे और उनके समाधान की दिशा में काम करेंगे।
समिति की सह-संयोजक डॉ. गरिमा यादव ने बताया कि "साथी" छात्रों द्वारा, छात्रों के लिए और छात्रों के लिए शुरू की गई एक पहल है। यह प्रत्येक छात्र को अपने विचार व्यक्त करने और समाधान खोजने का एक सशक्त माध्यम प्रदान करता है। यह पहल न केवल छात्रों को अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करेगी, बल्कि कॉलेज के भीतर विश्वास और सकारात्मक संचार का माहौल भी बनाएगी।
छात्रों के लिए एक तनाव-मुक्त परिसर बनाने का लक्ष्य
कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अरुण कुमार अत्री ने कहा कि कॉलेज का उद्देश्य केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्रत्येक छात्र के व्यक्तित्व और चरित्र का विकास भी है। "साथी" इस दिशा में एक सार्थक कदम है, जो छात्रों को उनकी ज़िम्मेदारियों के प्रति जागरूक और समाज के प्रति संवेदनशील बनाता है।
हमारा लक्ष्य एक तनाव-मुक्त परिसर बनाना है जहाँ छात्र खुलकर बात कर सकें। कई छात्र अक्सर अपनी समस्याओं को व्यक्तिगत रूप से साझा नहीं कर पाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में, सहपाठियों के बीच रहने से उन्हें समाधान खोजने में मदद मिलेगी।
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