दिल्ली से चौंकाने वाली रिपोर्ट, इस साल 450 से ज्यादा लोगों ने सड़क हादसे में गंवाई जान
- रफ्तार के शौक में लापरवाही से वाहन चलाकर जान जोखिम में डाल रहे युवामोहम्मद साकिब, जागरणनई दिल्ली : जीटी करनाल रोड पर बुधवार तड़के दिल दहला देने वाले हादसे में मोटरसाइकिल सवार तीन दोस्तों की सड़क हादसे में मौत हो गई। यह हादसा तेज रफ्तार और हेलमेट न पहनने के कारण हुआ। यह कोई पहली घटना नहीं है जब बिना हेलमेट के वाहन चलाना जानलेवा साबित हुआ हो। राजधानी में सड़क हादसों में युवाओं की मौत का बड़ा कारण हेलमेट न पहनना और यातायात नियमों की अनदेखी करना है। कई बार युवा रफ्तार के शौक में लापरवाही बरतते हैं और टशन में आकर अपनी जान जोखिम में डालते हैं।ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 15 अक्टूबर तक दिल्ली में कुल 4,412 सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 1,190 लोगों की मौत हुई और 3,171 लोग घायल हुए, जबकि बीते वर्ष इसी समान अवधि में 4,454 सड़क हादसे हुए थे, जिसमें 1,211 लोगों की मौत हुई थी। इन हादसों में सबसे अधिक मौतें दोपहिया वाहन चालकों की दर्ज की गईं। अब तक दोपहिया वाहन सवारों की मौत का आंकड़ा 468 तक पहुंच गया है, जो बीते वर्ष समानवधि में 465 था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इन मौतों में सबसे अधिक संख्या उन दो पहिया वाहन सवारों की है जो बिना हेलमेट लापरवाही से वाहन चला रहे थे।--बिना हेलमेट के 4.16 लाख काटे चालानदिल्ली पुलिस के आंकड़े के मुताबिक इस साल 31 अगस्त तक हेलमेट उल्लंघन के लिए 4,16,620 चालान जारी किए गए, जबकि बीते वर्ष इसी समान अवधि में 2,20,868 चालान काटे गए थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इन आंकड़ों में सवार और पीछे बैठी सवारी दोनों शामिल हैं। कमाल की बात यह है कि इस वर्ष काटे गए चालानों में से 4,11,461 लोगों ने चालान भरे ही नहीं, जिससे साफ जाहिर होता है कि लोगों में चालान का खौफ ही नहीं है।--हेलमेट पहनने से 42 प्रतिशत तक कम हो जाता है जोखिम दिल्ली पुलिस वैश्विक सड़क सुरक्षा पहल के सहयोग से हेलमेट पहनने और सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए परिणाम थीम पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रही है। बीते सप्ताह ही कार्यक्रम का आयोजन जीपीओ, गोल मार्केट इलाके में किया गया था। इसका उद्देश्य दोपहिया चालकों में सुरक्षित ड्राइविंग की आदत विकसित करना था। कार्यक्रम में यातायात पुलिस के स्पेशल कमिश्नर अजय चौधरी ने कहा था कि सही तरीके से पहना गया हेलमेट जीवन बचाने में बेहद प्रभावी है। इसकी आदत डालनी चाहिए ताकि दो पहिया वाहन चालक सुरक्षित यात्रा कर सकें। उन्होंने बताया कि हेलमेट लगाने से इस तरह के हादसों में मौत की आशंका 42 प्रतिशत तक कम होती है। --सड़क हादसों में मृतक व घायलों की संख्यावर्ष - हादसे - मृतक - घायल - दो पहिया वाहन सवार मृतक2024 - 4,454 - 1,211 - 3,171 - 4652025 - 4,412 - 1,190 - 3,171 - 468(आंकड़े 15 अक्टूबर तक के हैं)
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मोहम्मद साकिब, नई दिल्ली। दिल्ली में जीटी करनाल रोड पर बुधवार तड़के दिल दहला देने वाले हादसे में मोटरसाइकिल सवार तीन दोस्तों की सड़क हादसे में मौत हो गई। यह हादसा तेज रफ्तार और हेलमेट न पहनने के कारण हुआ।
दिल्ली में यह कोई पहली घटना नहीं है जब बिना हेलमेट के वाहन चलाना जानलेवा साबित हुआ हो। राजधानी में सड़क हादसों में युवाओं की मौत का बड़ा कारण हेलमेट न पहनना और यातायात नियमों की अनदेखी करना है। कई बार युवा रफ्तार के शौक में लापरवाही बरतते हैं और टशन में आकर अपनी जान जोखिम में डालते हैं।
ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 15 अक्टूबर तक दिल्ली में कुल 4,412 सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 1,190 लोगों की मौत हुई और 3,171 लोग घायल हुए, जबकि बीते वर्ष इसी समान अवधि में 4,454 सड़क हादसे हुए थे, जिसमें 1,211 लोगों की मौत हुई थी।
इन हादसों में सबसे अधिक मौतें दोपहिया वाहन चालकों की दर्ज की गईं। अब तक दोपहिया वाहन सवारों की मौत का आंकड़ा 468 तक पहुंच गया है, जो बीते वर्ष समानवधि में 465 था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इन मौतों में सबसे अधिक संख्या उन दो पहिया वाहन सवारों की है जो बिना हेलमेट लापरवाही से वाहन चला रहे थे।
बिना हेलमेट के 4.16 लाख काटे चालान
दिल्ली पुलिस के आंकड़े के मुताबिक, इस साल 31 अगस्त तक हेलमेट उल्लंघन के लिए 4,16,620 चालान जारी किए गए, जबकि बीते वर्ष इसी समान अवधि में 2,20,868 चालान काटे गए थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इन आंकड़ों में सवार और पीछे बैठी सवारी दोनों शामिल हैं। कमाल की बात यह है कि इस वर्ष काटे गए चालानों में से 4,11,461 लोगों ने चालान भरे ही नहीं, जिससे साफ जाहिर होता है कि लोगों में चालान का खौफ ही नहीं है।
हेलमेट पहनने से 42 प्रतिशत तक कम हो जाता है जोखिम
दिल्ली पुलिस वैश्विक सड़क सुरक्षा पहल के सहयोग से हेलमेट पहनने और सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए परिणाम थीम पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रही है। बीते सप्ताह ही कार्यक्रम का आयोजन जीपीओ, गोल मार्केट इलाके में किया गया था। इसका उद्देश्य दोपहिया चालकों में सुरक्षित ड्राइविंग की आदत विकसित करना था।
यह कार्यक्रम में यातायात पुलिस के स्पेशल कमिश्नर अजय चौधरी ने कहा था कि सही तरीके से पहना गया हेलमेट जीवन बचाने में बेहद प्रभावी है। इसकी आदत डालनी चाहिए ताकि दो पहिया वाहन चालक सुरक्षित यात्रा कर सकें। उन्होंने बताया कि हेलमेट लगाने से इस तरह के हादसों में मौत की आशंका 42 प्रतिशत तक कम होती है।
सड़क हादसों में मृतक व घायलों की संख्या
वर्ष | हादसे | मृतक | घायल | दो पहिया वाहन सवार मृतक |
---|---|---|---|---|
2024 | 4,454 | 1,211 | 3,171 | 465 |
2025 | 4,412 | 1,190 | 3,171 | 468 |
(आंकड़े 15 अक्टूबर तक के हैं)
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