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    लाल किले के पास हुए धमाके से NIA की जांच तक, Delhi Blast Case में अबतक के बड़े अपडेट

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 09:14 PM (IST)

    दिल्ली के लाल किले के बाहर हुए धमाके की जांच में पता चला है कि यह जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किया गया आत्मघाती हमला था। हमले को फरीदाबाद के डाॅक्टर उमर मोहम्मद ने अंजाम दिया। विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल हुआ। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच एनआईए को सौंप दी है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के आश्रितों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लाल किला के बाहर हरियाणा नंबर की आई-20 कार में हुआ जोरदार धमाका पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की साजिश थी। इस आतंकी संगठन से जुड़े फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डाॅक्टर उमर मोहम्मद ने यह आत्मघाती किया।

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    जांच एजेंसियों ने आत्मघाती आतंकी हमले की पुष्टि की

    सोमवार शाम से जांच में जुटी केंद्रीय एजेंसियाें, दिल्ली पुलिस व एफएसएल टीम की प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर आत्मघाती हमले की पुष्टि हो गई। तमाम साक्ष्य मिलने के बाद उत्तरी जिला के कोतवाली थाने में गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम व विस्फोटक एक्ट में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई।

    गृह मंत्रालय के निर्देश पर एनआईए को सौंपी गई जांच

    गृह मंत्रालय के निर्देश पर दोपहर बाद जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को साैंप दी गयई, लेकिन जांच में दिल्ली पुलिस भी एनआईए को सहयोग करेगी। प्रारंभिक जांच में विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन और डेटोनेटर का इस्तेमाल करने की पुष्टि हुई है।

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    पुलिस अधिकारी का कहना है कि लाल किला के बाहर हुआ धमाका, दिल्ली में पहले हुए सभी धमाकों से अलग है। अब तक जितने भी धमाके हुए हैं, उनमें घटनास्थल पर जमीन में गड्ढा हुआ था। बम में लोहे की कीलें आदि का इस्तेमाल किया जाता था, जिससे मौके से कीलें आदि बरामद होते थे, लेकिन इस धमाके के लिए बनाए गए बम में कीलों व लोहे के टुकड़े आदि का इस्तेमाल नहीं किया गया।

    आखिर विस्फोट में कौन से केमिकल का हुआ इस्तेमाल ?

    जांच एजेंसियां इस बात को लेकर हैरान हैं कि आखिर विस्फाेट में किस तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया गया। केमिकल के बारे में पता लगाने के लिए साेमवार रात ही घटनास्थल को चारों तरफ से सफेद कपड़ों से घेरकर सभी केंद्रीय एजेंसियांं, दिल्ली पुलिस व फोरेंसिक साइंस लैब की टीमें निरंतर जांच में जुटी हुई हैं।

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    क्षतिग्रस्त वाहनों और आसपास के नमूने लिए गए 

    सड़कों व क्षतिग्रस्त वाहनों व आसपास से जांच के लिए नमूने उठाए जा रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि जब आई-20 कार में तेज धमाका हुआ, तब उसका सबसे अधिक प्रभाव पीछे की तरफ दिखाई दिया। विस्फोटक वाली कार के पीछे खड़ी करीब 10-12 वाहन सबसे अधिक क्षतिग्रस्त हुए। आई-20 कार के आगे व अगल-बगल चलने वाले वाहन भी धमाके की चपेट में आए।

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    विस्फोटक पकड़े जाने के बाद डाॅ. उमर आया दिल्ली

    फरीदाबाद में पुलिस ने 2923 किलो विस्फोटक पकड़ा था। इस मामले में अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत डाॅ. उमर के सहयोगियों डाॅ. मुजम्मिल व डाॅ. शाहीन को गिरफ्तार किया गया था। माना जा रहा है कि विस्फोटक बरामदगी और दोनों की गिरफ्तारी से डाॅ. उमर घबरा गया। वह कार में विस्फोटक लेकर फरीदाबाद से दिल्ली की सीमा में घुस आया और शाम को लाल किला के बाहर आकर उसने आत्मघाती हमला कर दिया।

     

    हिरासत में लिए गए डाॅ. उमर से जुड़े चार लोग 

    धमाके के बाद जांच में जुटी दिल्ली पुलिस फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी भी पहुंची। यहां से पुलिस ने डाॅ. उमर से जुड़े चार लोगों को हिरासत में ले लिया है। इनसे पूछताछ शुरू की गई है। हालांकि मामला एनआईए के पास जाने के कारण इन्हें भी केंद्रीय एजेंसी को सौंपा जा सकता है।

    सुनहरी मस्जिद वाली पार्किंग में तीन घंटे किया इंतजार

    जांच से पता चला है कि फरीदाबाद से भागकर डाॅ. उमर मोहम्मद मंगलवार दोपहर करीब 3:19 बजे लाल किला के सुनहरी मस्जिद वाली पार्किंग में पहुंचा था। यहां पार्किंग के प्रवेश द्वार पर उसकी व कार की तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। वह कार लेकर वहां अकेला पहुंचा था। करीब तीन घंटे तक वह कार में ही बैठा रहा।

    शाम 6:22 बजे कार लेकर लाल किला के लिए डॉ. उमर

    इस दौरान वह अपने संपर्क के लोगों से बातें करता रहा। शाम करीब 6:22 बजे वह कार लेकर बाहर निकला। पुुलिस अधिकारी का कहना है कि शाम के समय लाल किला के सामने चांदनी चौक व ओल्ड लाजपत राय मार्केट की दुकानें बंद होने लगती हैं और लोग अपने-अपने घर जाने के लिए निकल पड़ते हैं। जिससे लाल किला के सामने भीड़ बढ़ जाती है।

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    ज्यादा नुकसान के लिए चुना शाम का समय

    डाॅ. उमर ने इसी मंशा से शाम का समय आत्मघाती हमले के लिए चुना, ताकि धमाके में अधिक से अधिक जानमाल का नुकसान हो सके। पार्किग से निकलकर निषाद राज मार्ग पर पहुुंचकर वह नेताजी सुभाष मार्ग पर आ गया।

    वहां से जामा मस्जिद व लाल किला के सामने से गुजरकर रेकी करते हुए वह आगे पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाले चौराहे पर आकर यूटर्न लेकर वापस लाल किला की तरफ आ गया। लाल किला के पास आने पर जब उसने देखा कि लालबत्ती पर ठीक ठाक भीड़ है तब चलती कार में उसने विस्फोट कर दिया।

    मृतकों के आश्रित के 10 लाख, घायलों को 2 से 5 लाख का मुआवजा

    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मृतकों के आश्रित को 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। विस्फोट में अस्थायी रूप से अशक्त होने वाले को 5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को 2 लाख रुपये और साधारण घायल को 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

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    मुख्यमंत्री ने घायलों को समुचित उपचार और वित्तीय सहायता शीघ्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कहा, लाल किला क्षेत्र में हुआ यह विस्फोट न केवल प्रभावित परिवारों के लिए, बल्कि पूरी दिल्ली के लिए एक गहरा आघात है। हम सभी दिल्लीवासी इस दुख की घड़ी में एकजुट हैं।

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