राबड़ी देवी की स्थानांतरण याचिका पर CBI की दलीलें पूरी, अगली सुनवाई 16 दिसंबर को
दिल्ली में राबड़ी देवी की स्थानांतरण याचिका पर सीबीआई ने अपनी दलीलें पूरी कर ली हैं। अदालत अब इस मामले पर अगली सुनवाई 16 दिसंबर को करेगी। यह मामला राब ...और पढ़ें

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में आइआरसीटीसी होटल घोटाला समेत चार अन्य मामलों को लेकर बिहार की पूर्व बिहार मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की स्थानांतरण की मांग याचिका पर सीबीआइ ने दलीलें पूरी कर ली।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश भट्ट ने सीबीआइ की दलीलें सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर तय की, जब अदालत राबड़ी देवी की दलीलें सुनेगी। राबड़ी ने याचिका में विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत से अपने खिलाफ चल रहे मामलों को दूसरी अदालत में भेजने की मांग की है।
न्यायाधीश की छवि खराब करना मकसद
सीबीआइ ने मामले में दलील दी थी कि यह अर्जी न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करने और न्यायाधीश की छवि खराब करने के इरादे से दाखिल की गई है और यह स्पष्ट रूप से फोरम शापिंग (कानूनी मामले में सबसे अनुकूल परिणाम पाने की उम्मीद में जानबूझकर एक खास अदालत चुनना) का मामला है।
सीबीआइ की तर्क दिया थआ कि राबड़ी देवी अदालत पर दबाव बनाना चाहती हैं, क्योंकि कार्यवाही उनके मनमुताबिक नहीं चल रही है। सीबीआइ ने दलील दी कि कोई भी आरोपित अपनी पसंद की अदालत नहीं चुन सकता और न ही किसी न्यायाधीश पर सवाल खड़े कर सकता है।
CBI का आरोप, देरी करने के लिए दाखिल की गई अर्जी
सीबीआइ ने यह भी कहा था कि राबड़ी देवी की स्थानांतरण अर्जी का असली मकसद मामले में देरी करना है। कानून के अनुसार आरोप तय करने पर बहस सीमित समय में पूरी होनी चाहिए, लेकिन इस मामले में पहले ही काफी समय बीत चुका है।
राबड़ी देवी ने चार मामलों को विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत से हटाने की मांग की है। इनमें आइआरसीटीसी घोटाला मामला, जमीन के बदले नौकरी का मामला और उनसे जुड़े अन्य मामले शामिल हैं। इन सभी मामलों में राबड़ी देवी के साथ उनके परिवार के अन्य सदस्य भी आरोपित हैं।

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