एक चूक और बैंक अकाउंट खाली कर देगा QR कोड! फिल्म Vettaiyan देखकर ठगी का जाल बिछाने वाला गिरफ्तार
दिल्ली साइबर पुलिस ने QR कोड से छेड़छाड़ कर ₹1.40 लाख की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। राजस्थान से मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जो ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। साइबर पुलिस स्टेशन उत्तरी दिल्ली ने QR कोड से छेड़छाड़ कर की जा रही एक संगठित साइबर ठगी का खुलासा करते हुए मामले के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने तकनीकी जांच और फील्ड इन्वेस्टिगेशन के जरिए इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया, जिसमें एक ग्राहक से 1.40 लाख की ठगी की गई थी।
एफआईआर के अनुसार, 13 दिसंबर 2025 को शिकायतकर्ता चांदनी चौक स्थित एक नामी गारमेंट शॉप से 2.50 लाख रुपये का लहंगा खरीदने पहुंचा था। भुगतान के दौरान उसने दुकान पर लगे QR कोड को स्कैन कर दो डिजिटल ट्रांजैक्शन किए, एक 90,000 और 50,000 रुपये का।
हालांकि, बाद में दुकानदार ने शिकायतकर्ता को बताया कि उनके आधिकारिक बैंक खाते में कोई रकम जमा नहीं हुई है। भुगतान के स्क्रीनशॉट दिखाने के बावजूद जब रकम का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला, तो शिकायतकर्ता ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई।
मामले की जांच के लिए HC धर्मेंद्र और HC मोहित की एक टीम गठित की गई। जांच DCP के मार्गदर्शन में, ACP विदुषी कौशिक के नेतृत्व और SHO साइबर नॉर्थ रोहित गहलोत की निगरानी में की गई।
पुलिस टीम ने सबसे पहले दुकान का निरीक्षण किया और बिलिंग सिस्टम व डिजिटल भुगतान प्रक्रिया की जांच की। शिकायतकर्ता, दुकान मालिक और सेल्स स्टाफ के बयान दर्ज कर घटना का पूरा टाइमलाइन तैयार किया गया। साथ ही, UPI ट्रांजेक्शन ट्रेल की तकनीकी जांच की गई।
जांच में सामने आया कि शिकायतकर्ता द्वारा किया गया भुगतान दुकान के खाते में न जाकर एक अन्य बैंक खाते में ट्रांसफर हो गया था। बैंक और मोबाइल डेटा एनालिसिस से पता चला कि यह खाता राजस्थान से संचालित हो रहा था।
तकनीकी और वित्तीय सुरागों के आधार पर पुलिस ने राजस्थान के जयपुर जिले में छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान 19 वर्षीय मनीष वर्मा, निवासी थाना चाकसू, जिला जयपुर (राजस्थान) को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह असली दुकानदारों के QR कोड को एडिट कर उनमें अपना बैंक अकाउंट लिंक कर देता था। उसके मोबाइल फोन से 100 से अधिक एडिटेड और ओरिजिनल QR कोड, चैट्स, स्क्रीनशॉट और बैंकिंग रिकॉर्ड बरामद किए गए हैं। आरोपी के बैंक खाते में ठगी की गई ₹1.40 लाख की रकम जमा होने की पुष्टि भी हुई है।
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी दुकानों के असली QR कोड हासिल कर AI-आधारित इमेज एडिटिंग ऐप्स की मदद से उनमें बैंक डिटेल बदल देता था। QR कोड दिखने में असली जैसा ही रहता था, लेकिन स्कैन करने पर भुगतान आरोपी के खाते में चला जाता था। बाद में वह रकम को तुरंत निकाल या ट्रांसफर कर देता था ताकि पहचान से बच सके।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने यह भी कबूला कि उसे QR कोड से छेड़छाड़ का विचार एक साउथ इंडियन फिल्म Vettaiyan के दृश्यों से आया था। पुलिस का कहना है कि बरामद डिजिटल सबूतों से यह संकेत मिलता है कि आरोपी ने कई अन्य दुकानों को भी निशाना बनाया हो सकता है। अब पुलिस अन्य पीड़ितों और लिंक्ड ट्रांजेक्शंस की पहचान में जुटी है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों के खिलाफ एक अहम सफलता है और आम लोगों से अपील की गई है कि डिजिटल भुगतान करते समय QR कोड की प्रामाणिकता को लेकर सतर्क रहें।
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