नफरत पर भारी गंगा-जमुनी तहजीब, साथ मनेगी ईद-दिवाली
ये जलते हुए घर किसके हैं, ये कटते हुए तन किसके हैं। तकसीम के अंधे तूफान में, लुटते हुए गुलशन किसके हैं। बदबख्त फिजायें किसकी हैं, बरबाद नशेमन किसके हैं। कुछ हम भी सुनें, हमको भी सुना। ऐ रहबर-ए-मुल्क-ओ-कौम बता, ये किसका लहू है कौन मरा।

नोएडा (ललित विजय)। ये जलते हुए घर किसके हैं, ये कटते हुए तन किसके हैं। तकसीम के अंधे तूफान में, लुटते हुए गुलशन किसके हैं। बदबख्त फिजायें किसकी हैं, बरबाद नशेमन किसके हैं। कुछ हम भी सुनें, हमको भी सुना। ऐ रहबर-ए-मुल्क-ओ-कौम बता, ये किसका लहू है कौन मरा।
बिसाहड़ा गांव में साहिर लुधियानवी की ये नज्म बरबस ही जेहन में कौंध गई। जो गांव पिछले सौ साल से हिंदू-मुस्लिम सौहार्द का प्रतीक था, आज सांप्रदायिक राजनीति का केंद्र बन गया है। माहौल शांत करने के बजाए राजनेता फिजाओं में जहर घोलने का काम कर रहे हैं।
उनकी नीति और नियति दोनों साफ है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय पटल पर चर्चा का विषय बन चुके बिसाहड़ा कांड के सहारे बिहार और उत्तर प्रदेश विधानसभा 2017 की राजनीति साधनी है।
सतर्क हैं गांव वाले
शुक्र है, नासमझ समझे जाने वाले गांव के लोग इसे समय रहते समझ गए। वीभत्सता का प्रतीक बने इकलाख के घर पर ही रविवार को और मुसलमानों ने शांति बैठक की, जिसमें तय हुआ कि राजनेताओं की गंदी राजनीति का हिस्सा बनने के बजाय जो हुआ उसे भूल शांति की राह पकड़ी जाए।
साथ मनेगी दिवाली
शांति बैठक में यह भी तय हुआ कि दोनों समुदाय फिर से ईद और दिवाली साथ मनाएं। दु:खद घटना के बाद राजनेताओं ने बिसाहड़ा की गलियों से राजनीति शुरू कर दी। सभी राजनेता किससे मिलना है और क्या
कहना है, अपने राजनीतिक स्वार्थ को ध्यान में रखकर तय करके आ रहे हैं।
ओवैसी ने पीएम पर साधा था निशाना
गांव आए हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने इकलाख के परिवार से मुलाकात कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद डा. महेश शर्मा इकलाख के घर भी गए और मंदिर पर आरोपी परिवार के लोगों से भी मुलाकात की।
केजरीवाल का हुआ था विरोध
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिर्फ इकलाख के घर जाना चाहते थे, लेकिन महिलाओं के विरोध के कारण आरोपी युवकों के घर वालों से भी बात करनी पड़ी। राहुल गांधी इकलाख के परिवार से मिलकर चले गए। सपा ने इकलाख के परिवार को लखनऊ बुलाकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करा दी।
सिर्फ हो रही राजनीति
रविवार को भाजपा विधायक संगीत सोम गांव पहुंच गए। उन्होंने सिर्फ आरोपी परिवार से मुलाकात कर मंदिर पर सभा की। बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिर्फ इकलाख के परिवार से मिले। हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी मंदिर गए और सिर्फ आरोपी युवकों के परिवार से मिले।
दरअसल, कौन नेता किस पक्ष से मिलेगा यह सिर्फ संयोग नहीं है। इसके पीछे वोट बैंक की राजनीति है। जिसे राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर रवि रंजन भी स्वीकार करते हैं।
उनका कहना है कि बिहार में चुनाव जल्द हैं, साथ ही उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में हर पार्टी वोटों के धु्रवीकरण की फिराक में है।

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