हर बार भेदा पौधारोपण का लक्ष्य, जीत अभी भी दूर
राजधानी में पौधारोपण का लक्ष्य तो हर साल भेदा जा रहा है लेकिन जीत अभी भी दूर है।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली:
राजधानी में पौधारोपण का लक्ष्य तो हर साल भेदा जा रहा है, लेकिन जीत अभी भी दूर है। राष्ट्रीय मानक को पूरा करना भी अभी शेष है। लगाए जा रहे पौधों की उपयोगिता बनाए रखना भी आवश्यक है। हालांकि वन विभाग इस दिशा में लगातार प्रयासरत है। देहरादून स्थित फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीटयूट (एफआरआइ) की भी मदद ली जा रही है। वर्ष 2019-20 के दौरान केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली को करीब 10 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया था। दिल्ली सरकार ने इसे बढ़ाते हुए 24,18,300 कर दिया था, जबकि अप्रैल तक 29,36,636 पौधे रोपे गए।
वर्ष 2017 से 2019 के दौरान वनाच्छादित क्षेत्र में भी 16 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की गई। इस कार्य में वन विभाग के अलावा डीडीए, एमसीडी, शिक्षा विभाग, पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी, टीपीडीडीएल, जल बोर्ड, डीटीसी, बीएसईएस, स्वास्थ्य विभाग, उत्तर रेलवे, पर्यावरण विभाग, दिल्ली केंटोनमेंट बोर्ड व दिल्ली मेट्रो सहित सभी का सहयोग रहा। एमसीडी को छोड़कर ज्यादातर विभागों ने पौधे भी लक्ष्य से अधिक ही लगाए।
वन विभाग के मुताबिक रोपे गए ज्यादातर पौधे जन उपयोगी ही रहे हैं। सड़कों के किनारे कुछ ऐसी प्रजातियों के पौधे भी लगाए गए जो बहुत अधिक देखभाल न मिलने पर भी बड़े हो सकें। आमजन को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए दिल्ली सरकार की 14 नर्सरियों से लाखों पौधे घरों में लगाने के लिए मुफ्त भी बांटे गए। एफआरआइ देहरादून करेगा ऑडिट
वन व पर्यावरण विभाग ने एफआरआइ से राजधानी में पिछले तीन सालों के दौरान लगाए गए पौधों का ऑडिट कराने का निर्णय लिया है। एफआरआइ को अनुरोध पत्र भेज दिया गया है। कोरोना संक्रमण कम होते ही ऑडिट शुरू कर दिया जाएगा। इस साल 40 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य
वर्ष 2020-21 के दौरान वन विभाग का लक्ष्य दिल्ली में 40 लाख पौधे लगाने का है। इसमें से पांच लाख पौधे वन विभाग खुद लगाएगा, जबकि पांच लाख मुफ्त बांटेगा। 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य डीडीए, 10 लाख एमसीडी व एनडीएमसी और शेष सीपीडब्ल्यूडी सहित अन्य एजेंसियों को दिया गया है। इस साल कढ़ी पत्ता, आंवला, नीम, बहेड़ा, जामुन, अमरूद, अर्जुन, सहजन, बेल पत्र, नींबू, एलोवेरा, तुलसी, गिलोय इत्यादि 13 औषधीय पौधे भी रोपे जा रहे हैं। पौधे लगा देना ही नहीं, उनका रखरखाव करना भी उतना ही जरूरी है। पौधे लगाने भर से पौधारोपण का मकसद हल नहीं हो जाता। इसीलिए एफआरआइ से एक ऑडिट रिपोर्ट तैयार कराकर भविष्य के लिए पुख्ता योजना बनाने का निर्णय लिया गया है। सालाना पौधारोपण अभियान में औषधीय पौधों को भी शामिल किया गया है।
-गोपाल राय, वन व पर्यावरण मंत्री, दिल्ली सरकार

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