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    गाजियाबाद और नोएडा में प्रतिबंधित है पिटबुल पालना, MCD कर रही घटना का इंतजार

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 11:27 PM (IST)

    गाजियाबाद और नोएडा में पिटबुल जैसे खतरनाक कुत्तों पर प्रतिबंध के बावजूद, दिल्ली एमसीडी अभी भी किसी घटना का इंतजार कर रही है। एमसीडी कोर्ट के आदेश और एनिमल वेलफेयर बोर्ड के दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रही है। दिल्ली में अवैध ब्रीडिंग का कारोबार फलफूल रहा है, लेकिन पशुपालन विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है। एक हमलावर पिटबुल को एमसीडी ने शेल्टर होम भेज दिया है।

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    दिल्ली में पिटबुल कुत्ते को पालने पर प्रतिबंध नहीं।

    निहाल सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली के पड़ोसी राज्य उत्तर-प्रदेश के गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जैसे जिलों ने पिटबुल समेत कई खतरनाक कुत्तों के पालने पर प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन दिल्ली में एमसीडी और एनडीएमसी घटनाओं का इंतजार कर रहे हैं। क्योंकि घटना के बाद पड़ोसी राज्य में प्रतिबंध का निर्णय ले लिया गया था। पिटबुल समेत 23 खतरनाक कुत्तों की नस्लों को लेकर एमसीडी फिलहाल यह देख रही है कि कोर्ट के आदेश से ही इसे लागू किया जाए।

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    अधिकारी इस असमंजस में भी है कि कुछ राज्यों के हाइकोर्ट केंद्र सरकार के मार्च 2024 के सर्कुलर पर रोक लगा दी है तो वह इसे लागू कर सकता है या नहीं। हालांकि एमसीडी के अधिकारी फिलहाल इस पक्ष में है कि जो खतरनाक कुत्तों की नस्ल हैं वह प्रतिबंधित की जाए। उनका कहना है कि हम ऐसे मामलों में एनिमल वेलफेयर बोर्ड आफ इंडिया के आदेश का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि उन्हीं को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने के हैं।

    दिल्ली में औसतन प्रतिवर्ष 3500 पालतू कुत्तों का पंजीकरण होता है। यह पंजीकरण 500 रुपये का शुल्क लेकर और कुत्तों को एंटी रेबीज टीकाकरण के प्रमाण पत्र के आधार पर दिया जा सकता है लेकिन दिल्ली में असल में पालतू कुत्तों की संख्या बहुत ज्यादा है। एमसीडी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करती है। जब घटना हो जाती है तो दिखावटी कार्रवाई के लिए सक्रिय हो जाती है।

    अवैध रूप से दिल्ली में चल रही है ब्रीडिंग

    दिल्ली में बड़ी संख्या में अलग-अलग नस्ल के कुत्तें लोग पार्कों में टहलाते हुए मिल जाएंगे। क्योंकि इसका बहुत बड़ा व्यापार वर्ग तैयार हो गया है। जो इंटरनेट मीडिया पर रील और तस्वीरों के माध्यम से ऐसे कुत्तों की नस्लों को बेचते हैं। पिटबुल जैसे अन्य खतनाक कुत्ते 20 हजार से लेकर 1.50 लाख तक की कीमत के बेचे जाते हैं।

    झुग्गी झोपड़ी से लेकर अनधिकृत कालोनियों में यह व्यापार अवैध रूप से किया जा रहा है। इसको रोकने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार के पशुपालन विभाग की है लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई नीति तक यह विभाग घोषित कर पाया है। साथ ही अवैध रूप से ब्रीडिंग करने वाले इन लोगों पर भी यह विभाग कार्रवाई के नाम पर आंखे मूंद लेता है।

    एमसीडी ने हमला करने वाले कुत्ते को शेल्टर होम भेजा

    एमसीडी के अनुसार घटना की जानकारी सोमवार को मिली। जैसे ही जानकारी मिली तो एमसीडी की टीम को मौके पर भेज दिया गया। वहां पर एमसीडी की टीम ने पालतू पिटबुल कुत्ते के मालिक व अन्य लोगों से एमसीडी से पंजीकरण का प्रमाण मांगा लेकिन पंजीकरण प्रमाण पत्र न होने पर कुत्ते को जब्त कर लिया। एमसीडी की टीम ने अब इस पिटबुल को हमेशा के लिए नजफगढ़ के स्थित स्वयंसेवी संस्था के शेल्टर होम में हमेशा के लिए भेज दिया है। जहां पर कुत्तें की यह जांच होगी कि कहीं उसे रेबीज तो नहीं है। वह अब वहीं रहेगा।