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अपवाद के तौर पर लें सर्जरी के लिए भटक रहे व्यक्ति का मामला: हाई कोर्ट

इलाज कराने के लिए मार्च महीने में बिहार के पटना जिले से दिल्ली आए व्यक्ति को दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए दिल्ली सरकार को मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने स्वास्थ्य सचिव दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि मामले को मिसाल के तौर पर लिए बगैर याचिकाकर्ता नगीना शर्मा के मामले को अपवाद

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 08:16 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 08:16 PM (IST)
अपवाद के तौर पर लें सर्जरी के लिए भटक रहे व्यक्ति का मामला: हाई कोर्ट
अपवाद के तौर पर लें सर्जरी के लिए भटक रहे व्यक्ति का मामला: हाई कोर्ट

- हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को मामले पर विचार करने का दिया निर्देश

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- पटना से इलाज कराने आए व्यक्ति की ढाई महीने में नहीं हुई सर्जरी

------------------------ विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली:

इलाज कराने के लिए मार्च में बिहार के पटना से दिल्ली आए व्यक्ति को दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए दिल्ली सरकार को मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने स्वास्थ्य सचिव दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि मामले को मिसाल के तौर पर लिए बगैर याचिकाकर्ता नगीना शर्मा के मामले को अपवाद के तौर पर लें। पीठ ने निर्देश दिया कि जीबी पंत के डॉक्टरों द्वारा याचिकाकर्ता का सर्जरी के लिए परीक्षण किया जाए और इसके बाद स्थिति के हिसाब से कदम उठाया जाए।

अस्पताल द्वारा इलाज के लिए दो लाख रुपये की मांग करने के मामले पर पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता आर्थिक रूप से कमजोर की श्रेणी में आता है और आर्थिक तंगी के कारण उसे बिना जांच के नहीं छोड़ा जा सकता। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता से इलाज के लिए दो लाख रुपये की मांग इसलिए की गई क्योंकि वह दिल्ली का निवासी नहीं है और इस वजह से उस पर दिल्ली आरोग्य कोष की योजना का लाभ नहीं मिल सकता है।

याचिका के अनुसार ब्रेन-स्ट्रोक की बीमारी से जूझ रहे नगीना पटना में एक पतंजलि स्टोर पर हेल्पर के तौर पर काम करते थे। याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता बृजेश पांडे व अधिवक्ता श्वेता संध के माध्यम से याचिका दायर कर कहा कि 12 मार्च को वह लोक नायक अस्पताल में भर्ती हुए थे और 18 मार्च को डॉक्टरों ने उनकी सर्जरी करने की सलाह दी थी। हालांकि, उस दिन सर्जरी नहीं हो सकी और फिर इसके बाद लॉकडाउन हो गया और अस्पताल ने याचिकाकर्ता को तीन अप्रैल को डिस्चार्ज कर जीबी पंत अस्पताल, गंगाराम अस्पताल में सर्जरी के लिए रेफर कर दिया। हालांकि, सभी अस्पतालों ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया था।


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