बिना दिल्ली सरकार की मंजूरी के केस की सुनवाई करेगी अदालत
- बगैर मंजूरी के अदालत सुनेगी केस 11 मार्च को देखी जाएगी फुटेज जागरण संवाददाता नई दिल्ली जेएनयू देशद्रोह मामले में आरोपित कन्हैया कुमार व अन्य के खि ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जेएनयू देशद्रोह मामले में आरोपित छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार व अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी न देने के चलते पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। अदालत ने चेतावनी देते हुए कहा कि केस पर सुनवाई बिना मंजूरी के शुरू की जाएगी।
जांच अधिकारी ने बताया कि अभी तक सरकार से जरूरी मंजूरी नहीं मिली है। इस पर अदालत ने कहा कि आपने आरोपपत्र दाखिल करने में तीन साल लगा दिए और अब सरकार भी मंजूरी देने में तीन साल का समय लेगी। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि 9 फरवरी 2016 को जेएनयू में तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। आरोपित अनिर्बान भट्टाचार्य औैर उमर खालिद ने देशविरोधी नारे लगाए और कन्हैया कुमार ने उनका साथ दिया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च के लिए तय करते हुए कहा कि वीडियो फुटेज कोर्ट को मुहैया कराई जाए।
गौरतलब है कि 14 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने करीब 1200 पन्नों का आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया था। इसमें कन्हैया कुमार, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन के सदस्य उमर खालिद व इतिहास के शोधार्थी अनिर्बान भट्टाचार्य को मुख्य आरोपित बनाया था। सात अन्य आरोपितों में आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उतर गुल, रईस रसूल, बसरत अली व खालिद बशीर भट शामिल हैं। आरोपपत्र के कॉलम नंबर 12 में संदिग्धों में रामा नागा, आशुतोष, शेहला रशीद, डी राजा की बेटी अपराजिता राजा, रुबैना सैफी, समर खान समेत 36 छात्रों को रखा गया है। कोर्ट के आदेश पर इन्हें भी आरोपित बनाया जा सकता है। कॉलम नंबर 12 संदिग्धों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिनके खिलाफ पर्याप्त सुबूत नहीं होते हैं।

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