दिल्ली में मेट्रो स्टेशन के बाहर कार से मिले 1000-500 के पुराने नोट, करोड़ों की नकदी देख पुलिस भी रह गई हैरान
दिल्ली के वजीरपुर में एक बड़ी कार्रवाई में 3.5 करोड़ रुपये की पुरानी करेंसी बरामद हुई है। नकदी से भरे बैग मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस ने त ...और पढ़ें

500 और 1000 रुपये के पुराने नाेट बरामद किए गए। आर्काइव
डिजिटल डेस्क, बाहरी दिल्ली। 3.5 करोड़ रुपये प्रतिबंधित नोटों को कमीशन के एवज में बदलकर अमीर बनने के चक्कर में तीन युवकों को वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र चौकी पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने इन्हें शालीमार बाग मेट्रो स्टेशन के पास तब पकड़ा है, जब वे बुधवार की रात दो कारों से 500 और 1000 रुपये के प्रतिबंधित नोटों की गड्डियां लेकर किसी को देने आए थे। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्हें तरुण और आशीष नाम के दो युवकों ने ये नोट दिए थे। जो शालीमार बाग मेट्रो स्टेशन पर किसी को देना था।
नोट पहुंचाने के बदले उन्हें कमीशन मिलना था। पुलिस अब इन दोनों के बारे में पता लगा रही है। शुरुआती जांच में पता चला है कि ये रुपये तरुण और आशीष के हो सकते हैं। अब पुलिस इनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हर्ष, टेकचंद, लक्ष्य और विपिन के रूप में हुई है।

हर्ष बीए का छात्र है, जो रोहिणी सेक्टर-25 का रहने वाला है। टेक चंद ठाकुर भी रोहिणी सेक्टर-25 का रहने वाला है। 10वीं पास हैं। जिम ट्रेनर है, फिलहाल बेरोजगार है। लक्ष्य बृजपुरी का रहने वाला है। जो ग्रेजुएट है और हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट में कान्ट्रैक्ट पर नौकरी ज्वाइन की है। विपिन कुमार फिरोज शाह रोड स्थित सरकारी क्वार्टर में रहता है। जो हिमाचल प्रदेश के जोगिंदर नगर का रहने वाला है। एक कंपनी प्राइवेट नौकरी करता है। वर्ष 2021 में मुख्य आरोपी आशीष और तरुण के संपर्क में आया।
उत्तरी-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त भीष्म सिंह ने बताया कि बुधवार की शाम अशोक विहार थाना क्षेत्र स्थित वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र चौकी पुलिस को जानकारी मिली कि बड़ी मात्रा में बंद हो चुके नोट लेकर कोई शालीमार बाग मेट्रो स्टेशन के पास आने वाला है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मेट्रो स्टेशन के पास पहुंची, जहां दो अलग अलग कार में चार युवक बैठे थे।
जांच करने पर दोनों कार से एक-एक बैग मिला। जिसमें बंद हो चुके पांच और और एक हजार रुपये की गड़िया मिली। पूछताछ के दौरान, उन्होंने माना कि वे इन बंद हो चुके नोटों को उनकी कीमत के कुछ हिस्से पर बदल रहे थे।
जो धोखाधड़ी, साजिश और बैंक नोट्स एक्ट का उल्लंघन था। ये चारों लोग जानते थे कि ऐसे बंद हो चुके नोटों को अपने पास रखना गैर-कानूनी है और उनके पास इन्हें रखने का कोई सही दस्तावेज या कारण नहीं था। वे जल्दी पैसा कमाने के लिए इस मामले में शामिल थे।
(पीटीआई के इनपुट के साथ)
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