परमाणु जासूसी का पर्दाफाश: ISI के इशारे पर वैज्ञानिक बनकर रूस-ईरान को बेच रहे थे गोपनीय डिजाइन – दो भाई गिरफ्तार!
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर दो भाइयों द्वारा परमाणु जासूसी का मामला सामने आया है। वैज्ञानिक होने का दावा करने वाले ये भाई रूस और ईरान को गोपनीय परमाणु डिजाइन बेच रहे थे। जांच एजेंसियों ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है, जिससे आईएसआई के नापाक मंसूबों का पर्दाफाश हुआ है। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है।

भारतीय परमाणु प्रतिष्ठानों की जासूसी कर रहे थे दोनों भाई। प्रतीकात्मक तस्वीर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा सीलमपुर से गिरफ्तार किए गए आदिल हुसैनी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर भारतीय परमाणु प्रतिष्ठान में जासूसी कर रहा था। उसके मोबाइल की जांच में भारतीय परमाणु प्रतिष्ठान के एक कर्मचारी का नंबर मिला है। जिससे जांच एजेंसी को शक है कि वह उनसे संपर्क कर गोपनीय जानकारी जुटा रहा था।
इसकी गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसियों ने एक बड़े "जासूसी नेटवर्क" की जांच शुरू कर दी है। आदिल हुसैनी के ईरान और रूस के भी परमाणु अवसंरचना से जुड़ी संस्थाओं के संपर्क में होने का पता चला है।
आईबी सूत्रों के मुताबिक आदिल हुसैनी "रूसी मूल के एक वैज्ञानिक से प्राप्त कुछ परमाणु संयंत्र संबंधी डिजाइन" ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (एईओआइ) के एक एजेंट को बेचे थे। आईएसआई एजेंटों के साथ उसके संबंधों का पता चलने के बाद उसे दिल्ली में पकड़ा गया। आदिल हुसैनी के भाई अख्तर हुसैनी को हाल ही में मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया गया है।
वैज्ञानिक बनकर घूम रहे थे दोनों
दोनों भाई भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के वैज्ञानिक बनकर घूम रहे थे। हुसैनी कई वर्षों से दुबई और अन्य देशों में रह रहा है। ईरानी जासूस के साथ सौदे से अर्जित पैसे को दुबई में संपत्तियों में निवेश किया गया। हुसैनी मूलरूप से जमशेदपुर के टाटा नगर का रहने वाला है लेकिन उसका परिवार दो दशक पहले सीमापुरी में आकर बस गया था।
उसके पास से कई जाली यात्रा दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जिससे नकली पासपोर्ट रैकेट में उसकी संलिप्तता की पुष्टि हुई। दोनों भाई जाली दस्तावेज से भारतीय पासपोर्ट हासिल करते थे। पुलिस काे शक है कि दोनों भाई विदेश में कई संवेदनशील जानकारी मुहैया कराई है।
वह जाली दस्तावेज का इस्तेमाल करके कई भारतीय पासपोर्ट हासिल करने में शामिल हैं। पुलिस ने आदिल हुसैनी के पास से एक मूल पासपोर्ट और दो जाली पासपोर्ट बरामद किए हैं। उसे सात दिनों की पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ की जा रही है।
पाकिस्तान की यात्रा कर चुका है आदिल
शुरुआती जांच में पता चला है कि आदिल ने जाली दस्तावेज का इस्तेमाल कर पाकिस्तान और कई अन्य देशों की यात्रा की है और जासूसी गतिविधियों में भी शामिल रहा है। अख्तर भी फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर कई बार खाड़ी देशों की यात्रा कर चुका है। इसके अलावा, उसके पास एक गोपनीय सरकारी केंद्र से जुड़े तीन अलग-अलग पहचान पत्र मिले है, जिससे संवेदनशील जानकारी तक उसकी पहुंच का संकेत मिलता है।
इसके पास से बीएआरसी के दो फर्जी पहचान पत्र बरामद किए जिन पर अलग-अलग नाम थे। एक पहचान पत्र अलेक्जेंडर पामर और दूसरा अली रजा हुसैन के नाम से था। दोनों पहले संयुक्त अरब अमीरात में तेल कंपनियों में काम करते थे। उनका दावा था कि उनके पास संभावित ग्राहकों की गोपनीय सामग्री तक पहुंच थी।
इसके साथ ही पुलिस ने नक्शे और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए गए। पुलिस का कहना है कि जांच में एक व्यापक नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। दोनों भाईयों के संपर्क के कई अन्य सदस्यों की पुलिस तलाश कर रही है जो फिलहाल फरार हैं।

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