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    No PUC-No Fuel: दिल्ली में कैसा रहा पहला दिन? कहीं सूना तो कहीं लंबी कतारें; PHOTOS

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 10:38 PM (IST)

    दिल्ली में 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' अभियान के पहले दिन, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्रों की जांच में तेजी आई। 31,197 पीयूसी प्रमाणपत्र जारी किए गए, जो पिछले ...और पढ़ें

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    केशव पुरम के पेट्रोल पंप पर पीयूसी लेने के लिए जुटे वाहन चालक। ध्रुव कुमार

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। खतरनाक लेवल के एयर पॉल्यूशन से जूझ रही दिल्ली को "नो PUC, नो फ्यूल" कैंपेन से उम्मीद की किरण दिखी है। बुधवार को बड़ी संख्या में गाड़ी मालिकों ने कैंपेन के तहत कार्रवाई से बचने के लिए अपनी गाड़ियों के PUC (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट चेक करवाना शुरू कर दिया। नतीजतन, बुधवार को जारी किए गए PUC सर्टिफिकेट की कुल संख्या 31,197 हो गई, जबकि पिछले दिन यह संख्या सिर्फ 17,732 थी।

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    इस कैंपेन से सरकार का मकसद यह पक्का करना है कि दिल्ली की सड़कों पर सिर्फ वही गाड़ियां चलें जो कम से कम पॉल्यूशन करती हैं। पेट्रोल पंप ऑपरेटर भी इस पहल में सहयोग कर रहे हैं। कैंपेन के बारे में और ड्राइवरों से PUC सर्टिफिकेट लेने की अपील वाले नोटिस पंपों पर लगाए गए हैं। गाड़ी मालिकों को भी कैंपेन के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

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    जनपथ स्थित पेट्रोल पंप पर बाइकसवार का चालान करता यातायात पुलिसकर्मी। चंद्र प्रकाश मिश्र

    मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, पिछले सालों में दिल्ली में चलाए गए ऐसे ही एंटी-पॉल्यूशन कैंपेन के दौरान एक दिन में 30,000 से ज़्यादा PUC चेकिंग की संख्या सिर्फ एक या दो बार ही हुई है। कैंपेन के पहले दिन भी PUC सेंटर्स पर गाड़ियों की भारी भीड़ देखी गई।

    एक पंप ऑपरेटर के मुताबिक, गुरुवार को PUC सर्टिफिकेट जारी होने की संख्या का नया रिकॉर्ड बन सकता है।
    हालांकि, चेकिंग की अचानक बढ़ी डिमांड की वजह से दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से PUC सेंटर्स पर सर्वर स्लो होने की शिकायतें मिलीं। कुछ जगहों पर गाड़ियों के इंस्पेक्शन के लिए तीन घंटे से ज्यादा इंतजार करना पड़ा।

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    नरेला के एक पेट्रोल पंप पर पीयूसी लेने के लिए वाहन चालकों की भीड़। जागरण

    कनॉट प्लेस, जनपथ, धौला कुआं, पंजाबी बाग, नरेला, करोल बाग, केशव पुरम, बाबा खड़क सिंह मार्ग और आनंद विहार जैसे इलाकों में मौजूद पंपों पर इंतजार का समय खास तौर पर एक से तीन घंटे तक लंबा था। नरेला के एक PUC सेंटर पर इंस्पेक्शन के लिए लंबी लाइन लगी थी।

    'No PUC, No Fuel' कैंपेन का पहले दिन पंपों पर मिला-जुला असर रहा

    ज्यादातर पंपों पर बिना वैलिड PUC सर्टिफिकेट वाली गाड़ियों को लौटा दिया गया, और पंप अटेंडेंट ने ड्राइवरों से तुरंत अपने PUC सर्टिफिकेट लेने की अपील की। इसके बाद कई गाड़ी मालिकों ने अपने PUC सर्टिफिकेट लिए और पेट्रोल भरवाने के लिए पंप पर वापस आ गए। जुलाई में दिल्ली भर के पंपों पर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के लगाए गए ANPR कैमरे इस कैंपेन में बहुत मददगार साबित हो रहे हैं।

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    पूर्वी दिल्ली स्थित मयूर विहार फेस 2 स्थित पेट्रोल पंप पर पीयूसी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जुटी भीड़। चंद्र प्रकाश मिश्र

    ये कैमरे नंबर प्लेट पढ़ते हैं और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के डेटाबेस से गाड़ी की हिस्ट्री निकालते हैं। अगर किसी गाड़ी के पास वैलिड PUC (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट नहीं है, तो पंप पर स्पीकर से उसका नंबर अनाउंस किया जाता है, जिससे पंप अटेंडेंट अलर्ट हो जाते हैं।

    हालांकि, कई जगहों पर ये कैमरे काम नहीं कर रहे थे। ऐसे में पंप अटेंडेंट PUC सर्टिफिकेट को मैनुअली चेक करते दिखे। इस बीच, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी, ट्रैफिक पुलिस वाले और कैंपेन के लिए खास तौर पर तैनात DTC (दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) के स्टाफ को भी मशीनों से गाड़ियों के PUC सर्टिफिकेट चेक करते और अगर वे इनवैलिड थे तो चालान (फाइन) काटते देखा गया।

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    बहादुर शाह जफर रोड स्थित पेट्रोल पंप पर पीयूसी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जुटी भीड़। चंद्र प्रकाश मिश्र

    यह स्थिति करोल बाग, कनॉट प्लेस, राजेंद्र नगर और दूसरे इलाकों में देखी गई। हालांकि, दिल्ली गेट और अरुणा आसफ अली रोड समेत कुछ पेट्रोल पंपों पर पंप अटेंडेंट झगड़े से बचने के लिए PUC सर्टिफिकेट चेक किए बिना ही पेट्रोल देते दिखे। इन जगहों पर कोई सरकारी अधिकारी नहीं दिखा। पंप ऑपरेटरों के मुताबिक, अगर ANPR कैमरों पर उनका कंट्रोल होता और वे पहले से ही ऐसी गाड़ियों के नंबर अपने डैशबोर्ड पर देख पाते तो यह कैंपेन और असरदार तरीके से चलाया जा सकता था।

    कैंपेन की कामयाबी के लिए, बॉर्डर समेत पूरी दिल्ली में 126 जगहों पर 580 से ज़्यादा पुलिसवाले तैनात किए गए हैं। कुछ पंपों पर मदद के लिए MCD (दिल्ली नगर निगम) के लोग भी तैनात किए गए हैं।

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    बहादुर शाह जफर रोड स्थित पेट्रोल पंप पर चस्पा पोस्टर को देखता बाइक सवार। चंद्र प्रकाश मिश्र

    इस कैंपेन का असर पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की बिक्री पर भी पड़ा है। खासकर दिल्ली के बॉर्डर इलाकों में मौजूद 120 पंपों पर बिक्री में गिरावट देखी जा रही है। इन पंपों पर गाड़ियों की संख्या आम दिनों के मुकाबले 25 परसेंट कम हो गई है।

    इसी तरह, दूसरे राज्यों से BS-IV एमिशन स्टैंडर्ड पूरे न करने वाली प्राइवेट गाड़ियों की एंट्री पर सख्ती कुछ चुनिंदा बॉर्डर पर ही दिखी। दूसरे राज्यों से दिल्ली में कुल 156 एंट्री पॉइंट हैं। इनमें से कुछ बॉर्डर, जिनमें आनंद विहार, गाज़ीपुर, चिल्ला बॉर्डर और दिल्ली-फरीदाबाद बॉर्डर शामिल हैं, पर ट्रैफिक पुलिस के जवान और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी ऐसी गाड़ियों की चेकिंग करते और उन्हें वापस भेजते दिखे। यहां बैरिकेड्स पर गाड़ियों की चेकिंग की जा रही है। हालांकि, दिल्ली में ज़्यादातर एंट्री पॉइंट पर कोई रोक नहीं देखी गई।

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    बृहस्पतिवार को सुबह बढ़े प्रदूषण में छाए स्मॉग के बीच गाजीपुर टोल के समीप पुराने वाहनों को की जांच करते पुलिसकर्मी। चंद्र प्रकाश मिश्र

    NCR में भी "No PUC, No Fuel" कैंपेन लागू किया जाना चाहिए

    दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट निश्चल सिंघानिया ने कहा कि कुछ पंपों पर झगड़े के कुछ मामलों को छोड़कर, जहां PUC सर्टिफिकेट न होने पर ग्राहकों को फ्यूल देने से मना कर दिया गया, बाकी जगहों पर स्थिति शांतिपूर्ण रही। पंप ऑपरेटरों के कहने पर कई पंपों पर ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की विजिलेंस टीमें मौजूद थीं, लेकिन ANPR कैमरे अभी भी पूरे नहीं हैं।