निजामुद्दीन दरगाह में दीया जलाने पर विवाद, क्या है पूरा मामला?
निजामुद्दीन दरगाह में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा दीया जलाने का विरोध हुआ। दरगाह समिति के सचिव ने अनुमति न लेने और एमआरएम के आरएसएस से संबद्ध होने का हवाला दिया। एमआरएम ने विरोध से इनकार किया और कहा कि उन्होंने दरगाह में शांति के लिए प्रार्थना की थी। दरगाह के अध्यक्ष ने विरोध को राजनीतिक बताया और कहा कि प्रदर्शनकारी कांग्रेस से जुड़े थे।

निजामुद्दीन दरगाह में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा दीया जलाने का विरोध हुआ।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। निजामुद्दीन दरगाह पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) के पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलित करने का विरोध किया गया है। दरगाह समिति के सचिव कासिम निज़ामी ने कहा कि इस आयोजन के लिए दरगाह के पदाधिकारियों से अनुमति नहीं ली गई थी।
इसके अलावा, एमआरएम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध एक संगठन है। दरगाह राजनीतिक आयोजनों के लिए नहीं है, इसलिए इसके पदाधिकारियों ने दीप प्रज्वलन का विरोध किया।
इस बीच, एमआरएम प्रवक्ता शाहिद सईद ने निज़ामुद्दीन दरगाह पर किसी भी विरोध प्रदर्शन से इनकार किया। उन्होंने कहा कि एमआरएम पदाधिकारियों ने शनिवार रात दरगाह में 90 मिनट बिताए। दरगाह अध्यक्ष अफसर निज़ामी के नेतृत्व में एमआरएम नेता इंद्रेश कुमार ने संत की दरगाह पर चादर चढ़ाई और देश-दुनिया में अमन-चैन की दुआ मांगी।
इसके बाद, दरगाह से दीप प्रज्वलित कर शांति का संदेश दिया गया। इस अवसर पर कव्वाली भी प्रस्तुत की गई। दरगाह के संरक्षकों और श्रद्धालुओं की भागीदारी से यह आयोजन उत्साह और शांति के माहौल में संपन्न हुआ।
अधिकारी निज़ामी ने विरोध प्रदर्शन को राजनीतिक बताते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी कांग्रेस पार्टी से जुड़े लोग थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।